बर्लिन। आतंक पर लगाम लगाने के प्रयास में जुटे पाकिस्तान को एक बार फिर से झटका लगा है। ग्लोबल टेरर फाइनेंनसिंग वॉचडॉग फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने कहा है कि पाकिस्तान को तुरंत ग्रे लिस्ट से नहीं हटाया जाएगा। इस संबंध में कोई फैसला ऑनसाइट विजिट के बाद ही लिया जाएगा।
इस संबंध में जारी एक बयान में कहा गया है कि पाकिस्तान ने अपनी दो कार्ययोजनाओं को काफी हद तक पूरा कर लिया है, लेकिन यह सत्यापित करने के लिए कि क्या सुधारों का कार्यान्वयन शुरू हो गया है और इसे जारी रखा जा रहा है इसे जानने के लिए एक यात्रा की जरूरत है। इसके साथ ही यह भी देखने की जरूरत है कि भविष्य में कार्यान्वयन और सुधार को बनाए रखने के लिए आवश्यक राजनीतिक प्रतिबद्धता बनी रहे।
वहीं, FATF Pakistan ने कहा है कि देश ने टेरर फाइनेंसिंग और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ी कुछ शर्तों को पूरा नहीं किया है। अब एफएटीएफ की एक टीम पाकिस्तान की यात्रा कर ऑनसाइट शर्तों को पूरा करने के दावों का परीक्षण करेगी। उसके बाद ही पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से बाहर निकालने का फैसला किया जाएगा। जर्मनी में हो रहे FATF जून 2022 के पूर्ण सत्र में यह निर्णय लिया गया। फिलहाल वॉचडॉग कोरोना महामारी की स्थिति की निगरानी करना जारी रखेगा औऱ जल्द से जल्द पाकिस्तान का दौरा करने का निर्णय लेगा।
2018 में आया ग्रे लिस्ट में
पाकिस्तान की विदेश राज्य मंत्री हिना रब्बानी खार ने 14 से 17 जून के बीच बर्लिन में हुई बैठक में पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। पाकिस्तान को जून 2018 में ग्रे लिस्ट में डाला गया था।
पाकिस्तानी सरकार को इस बाद ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने की पूरी, उम्मीद थी। हालांकि इस बार भी पाकिस्तान को इस मामले में निराशा हाथ लगी है। एफएटीएफ पूरी दुनिया में मनी लॉन्ड्रिंग, सामूहिक विनाश के हथियारों के प्रसार और टेरर फाइनेंसिंग पर निगाह रखती है।
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