नई दिल्ली। अग्निपथ योजना को वापस लेने की उठ रही मांग के बीच नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने इसे ट्रांसफोर्मेशनल स्कीम बताया है, जिसका युवाओं की स्किलिंग से लेकर पर्सनैलिटी उभारने तक में फायदा मिलेगा। उन्होंने स्कीम की खूबियां गिनाने के साथ उन कारणों के बारे में भी बात की, जिनकी वजह से स्कीम को शुरू करने का निर्णय लिया गया।
टीवी चैनल “आज तक” के साथ एक इंटरव्यू में नौसेना प्रमुख ने कहा कि यह बहुत ही बढ़िया स्कीम है। उन्होंने बताया कि इसके जरिए पहले की तुलना में अब 3-4 गुना तक लोगों को फौज में भर्ती होने का मौका मिलेगा। उन्होंने कहा कि अग्निपथ स्कीम से अभी ज्यादातर लोगों को फायदा मिलेगा क्योंकि वो शॉर्ट ड्यूरेशन के लिए आकर फौज में काम कर सकते हैं और इस दौरान उन्हें यह फैसला लेने का भी मौका मिलेगा कि वो आगे भी फौज में रहना चाहते हैं या फिर किसी और क्षेत्र में अपना करियर बनाना है। एडमिरल आर हरि कुमार ने कहा क 4 साल के बाद युवा डिसाइड कर सकते हैं कि उनको सेना में ही रहना है या कोई और काम करना चाहते हैं। अगर कोई अग्निवीर जाना चाहेगा तो उन्हें सेवानिधि के तौर पर 12 लाख रुपया भी मिलेगा।
हार्डशिप से बढ़ेगा सेल्फकोंफिडेंस
उन्होंने कहा कि फौज में काम करते हुए युवाओं का डेवलपमेंट भी हो जाएगा और हार्डशिप फेस करके ज्यादा सेल्फकोंफिडेंट हो जाएंगे। स्किल्स सीख लेंगे, एजुकेशन का भी क्रेडिट मिलेगा, फिर उनका पर्सनैलिटी डेवलपमेंट हो जाएगा।
स्कीम लाने के पीछे की वजह
इसके अलावा, उन्होंने यह भी बताया कि इस स्कीम को लाने का कारण क्या है? आर्म्ड फोर्सेज में एज प्रोफाइल को कम करने के लिए आर्मी कमिटी रिपोर्ट में सिफारिश की गई थी। उन्होंने बताया कि इसे कम करने के लिए कई स्कीम्स को स्टडी किया गया और फिर उस पर काम किया। आखिरकार यह अग्निपथ स्कीम के ऊपर सेटल हो गया, इसलिए ये स्कीम शुरू करने का सोचा।
फौज सिर्फ नौकरी नहीं देश सेवा है
उन्होंने कहा कि फौज सिर्फ नौकरी का अवसर नहीं है यह एक देश सेवा की बात है। अगर आप करना चाहते हैं तो फौज में आईए। 4 साल के लिए आएंगे और देश सेवा करेंगे और अगर आपको फौज पसंद है तो आप कॉन्टीन्यू कर सकते हैं।
इस साल अग्निपथ स्कीम के जरिए होंगी 46,500 भर्तियां
नौसेना के वाइस एडमिरल डीके त्रिपाठी ने कहा कि इस स्कीम के जरिए ज्यादा से ज्यादा लोगों को सेना में भर्ती होकर देश की सेवा करने का मौका मिलेगा। उन्होंने बताया कि भर्ती उसी तरह होगी जैसे नौसेना, आर्मी और वायुसेना में होती आई है, हालांकि भर्तियों की संख्या में तब्दीली हुई है। इस साल 46,500 भर्तियां करने का निर्णय लिया गया है।
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