लखनऊ। अग्निपथ योजना का विरोध करते हुए बवाल काटने वाले युवकों पर यूपी की योगी सरकार गंभीर हो गई है। बवाल करने वालों पर गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया जा रहा है। वाराणसी में अब तक नौ युवकों को गिरफ्तार किया गया है। 10 युवकों को हिरासत में लिया गया है। सभी पर हत्या के प्रयास और बलवा समेत कई धाराओं में केस दर्ज किया गया है। युवकों पर कुल 13 धाराएं लगाई गई हैं।
वाराणसी के सिगरा थाने में युवकों पर तोड़फोड़, पुलिस पर हमला करने की रिपोर्ट लिखते हुए मुकदमा दर्ज किया है। इन युवकों को अब कोर्ट में पेश कर जेल भेजने की तैयारी हो रही है। वाराणसी के कैंट थाने में भी भी 10 को पकड़ा गया है। यहां के नदेसर निवासी एक पूर्व छात्रनेता को भी बवाल के लिए चिह्नित किया गया है। फिलहाल वह घर से फरार है। पुलिस उसकी तलाश कर रही है।
वाराणसी में शुक्रवार सुबह से ही बवाल शुरू हो गया था। बलिया-गाजीपुर से होते हुए ट्रेन से आये करीब डेढ़ सौ युवक सिटी स्टेशन होते हुए रोडवेज, रेलवे स्टेशन की ओर बढ़े और 12 बसों, एक निजी कार में तोड़फोड़ की थी।
कैन्ट स्टेशन के प्लेटफॉर्म नम्बर 10 के पास उपद्रव के दौरान वीडियो बना रहे बुलेट सवार युवकों को उपद्रवियों ने पीट दिया। किसी तरह से पुलिस ने तीनों युवकों को छुड़ाकर अस्पताल भिजवाया। सुबह डेमू ट्रेन के यार्ड में जाने के दौरान उपद्रवियों ने पटरी पर पत्थर रख दिए, लेकिन मौके पर मौजूद जवानों ने हटाकर ट्रेन को यार्ड में पहुंचाया।
जोधपुर से वाराणसी आ रही मरुधर एक्सप्रेस यार्ड में पहुंची तो उसे रोक दिया गया। करीब 10 मिनट बाद जब ट्रेन प्लेटफॉर्म नम्बर 8 के लिए बढ़ी तो यार्ड से कुछ आगे खड़े उपद्रवियों ने इंजन पर पथराव कर दिया। इससे शीशे टूट गए। लोको पायलट और सहायक लोको पायलट ने किसी तरह से अपना बचाव किया।
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