डूंगरपुर। राजस्थान के डूंगरपुर जिले में गुरुवार को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया। एसीबी की टीम में ने डूंगरपुर कोतवाली थाना सीआई, धम्बोला थाना सीआई, कोतवाली थाने के कांस्टेबल रीडर और आसूचना अधिकारी को 3. 30 लाख की घूस लेते गिरफ्तार किया है। चारों आरोपियों ने शराब ठेकेदार से यह रकम ली थी। इसके अलावा कांस्टेबल रीडर के घर से पांच लाख रुपये भी जब्त किए गए हैं।
जानकारी के अनुसार इस कार्रवाई को जयपुर और अजमेर एसीबी की संयुक्त टीम ने अंजाम दिया है। अधिकारियों ने बताया, डूंगरपुर के शराब के ठेकेदारों ने 31 मई को एक शिकायत की थी। जिसमें उन्होंने बताया कि जिला पुलिस शराब ठेकेदारों से पहले 5 लाख रुपये मासिक बंधी ले रही थी, लेकिन अब उनसे 10 लाख की मांग की जा रही है। ऐसा नहीं करने पर झूठे केस में फंसाने की धमकी दे रही है। उन्होंने यह भी कहा कि ठेकेदारों ने दस लाख रुपये देने से मना किया तो धम्बोला थाना और कोतवाली थाना पुलिस ने शराब तस्करी के केस में दो शराब ठेकेदारों के नाम दर्ज करा दिए। साथ ही कुछ दिन बाद उन्हें गिरफ्तार भी कर लिया। अब केस खत्म कराने के नाम पर भी उनसे रिश्वत मांगी जा रही है।
एसीबी अधिकारियों के अनुसार जांच में परिवादियों की शिकायत सही पाई गई। इस दौरान सामने आया कि कोतवाली थाने के सीआई दिलीपदान ने ठेकेदारों से 5 लाख रुपये लिए थे। साथ ही और रुपये की मांग भी की जा रही थी। गुरुवार को एसीबी ने जाल बिछाकर आरोपियों को पकड़ने की योजना बनाई। इसके बाद एक होटल में शराब ठेकेदार से 3.30 लाख की रिश्वत लेते कोतवाली थाने के रीडर भोपाल सिंह और आसूचना अधिकारी जगदीश विश्नोई को गिरफ्तार किया गया।
एसीबी अधिकारियों की पूछताछ में दोनों ने धम्बोला सीआई भैयालाल आंजना और कोतवाली थाने के सीआई दिलीपदान के लिए रिश्वत लेने की बात कबूल की। इसके बाद उन्हें भी गिरफ्तार किया गया। कोतवाली थाने में रीडर भोपाल सिंह के घर से एसीबी ने चार दिन पहले लिए गए 5 लाख रुपये भी जब्त कर लिए। दो थाने के अधिकारियों को घूस के आरोप में गिरफ्तार होने के बाद डूंगरपुर एसपी सुधीर जोशी की भूमिका भी संदिग्ध मानी जा रही है। एसीबी मामले में जोशी की भूमिका की जांच कर रही है। अगर, जांच में उनके खिलाफ कुछ सामने आता है तो उन्हें भी गिरफ्तार किया जा सकता है।
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