नई दिल्ली। राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष के उम्मीदवार के नाम पर बुधवार को कोई फैसला नहीं हो सका। ममता बनर्जी की ओर से बुलाई गई मीटिंग में कई विपक्षी दलों के नेताओं ने शरद पवार से कैंडिडेट बनने को कहा, लेकिन उन्होंने साफ इनकार कर दिया। इससे पहले भी वह कई बार इनकार कर चुके थे।
बीते सप्ताह ममता बनर्जी ने गैर-भाजपा दलों के 22 नेताओं को चिट्ठी लिखी थी और राष्ट्रपति चुनाव के लिए साझा उम्मीदवार तय करने की मांग की थी। ममता ने जिन्हें चिट्ठी लिखी थी, उनमें 8 राज्यों के सीएम और कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी भी शामिल हैं। मीटिंग के बाद ममता बनर्जी ने कहा कि अभी तो यह शुरुआत ही है। हमने शरद पवार जी से उम्मीदवार बनने की मांग की थी, लेकिन उन्होंने सहमति नहीं जताई। ऐसी स्थिति में सभी दल एक बार फिर से किसी उम्मीदवार पर विचार करेंगे और शरद पवार जी से बात करेंगे।
अब नए नाम पर चर्चा के लिए अगले सप्ताह एक बार फिर से विपक्षी दलों की दिल्ली में मीटिंग होगी। पूरे मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने कहा कि शरद पवार ने साफ कहा कि मैं अब भी सक्रिय राजनीति में हूं और राष्ट्रपति चुनाव नहीं लड़ना चाहता।
हालांकि ममता बनर्जी के न्योते के बाद भी आम आदमी पार्टी, बीजेडी, अकाली दल, तेलंगाना राष्ट्र समिति शामिल नहीं हुए। उन्होंने कहा था कि यह सही मौका है, जब विपक्षी दलों को भारतीय राजनीति के भविष्य पर चर्चा करनी चाहिए। बता दें कि बीते सप्ताह गुरुवार को ही चुनाव आयोग ने राष्ट्रपति चुनाव की तारीखों का ऐलान किया था। 18 जुलाई को राष्ट्रपति चुनवा के लिए मतदान होना है और 21 तारीख को वोटों की गिनती की जाएगी। गौरतलब है कि बीजेडी का कहना है कि अभी इस मसले पर चर्चा करना जल्दबाजी होगा। एनडीए की ओर से उम्मीदवार का ऐलान किए जाने के बाद ही इस पर चर्चा होनी चाहिए।
पवार, अखिलेश समेत ये नेता हुए मीटिंग में शामिल
इस मीटिंग में एनसीपी से शरद पवार और प्रफुल्ल पटेल शामिल हुए। इसके अलावा कांग्रेस ने अपने प्रतिनिधियों के तौर पर मल्लिकार्जुन खड़गे, जयराम रमेश और रणदीप सुरजेवाला को भेजा था। जेडीएस से एचडी देवेगौड़ा और कुमारस्वामी भी पहुंचे थे। वहीं सपा के नेता अखिलेश यादव, पीडीपी की महबूबा मुफ्ती और एनसी के उमर अब्दुल्ला भी मौजूद थे।
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