ढाका। भाजपा की प्रवक्ता रहीं नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल की ओर से पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी को बांग्लादेश के वरिष्ठ मंत्री ने भारत का आंतरिक मामला बताया है। बता दें कि ढाका में भी कुछ संगठनों ने इस मसले पर 10 जून को विरोध प्रदर्शन किए थे।
देश के सूचना एवं प्रसारण मंत्री हसन महमूद ने यह टिप्पणी ऐसे वक्त में की है, जब सऊदी अरब, ईरान समेत कई देशों ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है और भारत सरकार से कार्रवाई की मांग की थी। बांग्लादेश के मंत्री ने कहा कि यह बांग्लादेश में कोई बड़ा मसला नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने उन आलोचनाओं को भी खारिज किया कि बांग्लादेश की सरकार इस मसले पर कोई समझौता कर रही है।
उन्होंने कहा कि हम भारत सरकार की ओर से इस मसले पर लिए गए ऐक्शन का स्वागत करते हैं। महमूद ने कहा कि पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ की गई कोई भी टिप्पणी निंदनीय है। मीडिया से बात करते हुए महमूद ने कहा कि इस मामले में भारत में एफआईआर दर्ज की गई है और हम उम्मीद करते हैं कि उसके आधार पर कड़ा ऐक्शन लिया जाएगा।
कट्टरपंथियों की ओर से इस मसले पर सरकार की ओर से ढीला रवैया अपनाने के आरोपों पर उन्होंने कहा कि बांग्लादेश की सरकार पर समझौता नहीं कर रही है। बांग्लादेश की सरकार पैगंबर मोहम्मद पर की गई टिप्पणी पर समझौता नहीं कर रही है और न ही ऐसा किया जाएगा। मैं खुद इसकी निंदा करता हूं और सार्वजनिक सभा में भी इस पर बात की थी।
बांग्लादेशी मंत्री बोले- हमारे लिए अरब जितना मसला नहीं है
इस मसले पर सरकार की ओऱ सार्वजनिक बयान न जारी किए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह हमारे देश का आंतरिक मामला नहीं है। उन्होंने कहा कि यह बांग्लादेश के लिए आंतरिक मामला नहीं है बल्कि बाहरी केस है। यह भारत का आंतरिक मामला है। जब भी ऐसा कुछ दुनिया में कहीं भी होता है तो फिर कुछ इस्लामिक दल यहां भी प्रोटेस्ट करते हैं। ऐसा अकसर होता है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में यह इतना बड़ा मसला नहीं है, जितना अरब देशों, पाकिस्तान और मलयेशिया में होता है। महमूद ने कहा, ‘यदि पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ दुनिया में कहीं भी कुछ होता है तो उसकी निंदा की जानी चाहिए। हम भारत सरकार को कानूनी कार्रवाई के लिए बधाई देते हैं। उसने मोहम्मद पर टिप्पणी करने वालों पर ऐक्शन लेना चाहिए।’
गौरतलब है कि इस मसले पर सऊदी अरब, कुवैत, कतर, बहरीन, यूएई, मलयेशिया समेत कई मुस्लिम देशों ने आपत्ति जताई थी। ऐसे में एक बड़े पड़ोसी देश की ओर से ऐसी टिप्पणी आना राहत की बात है। महमूद ने कहा कि बांग्लादेश में भी कुछ बेहद कट्टरपंथी मुस्लिमों के संगठन हैं। इनकी संख्या बहुत कम है और इन्हें सपोर्ट भी नहीं मिल रहा है, लेकिन ये शोर काफी ज्यादा करते हैं।