जयपुर। राजस्थान की गहलोत सरकार ने बड़ा निर्णय लेते हुए मैसर्स अडानी रिन्यूवेबल एनर्जी होल्डिंग फॉर लिमिटेड को 1000 मेगावाट सोलर पावर प्रोजेक्ट की स्थापना के लिए सरकारी भूमि आवंटित करने का निर्णय लिया है।
सीएम गहलोत की अध्यक्षता में शनिवार को हुई कैबिनेट की बैठक में जैसलमेर जिले के ग्राम बांधा में 9479.15 बीघा (2397.54 हैक्टेयर) राजकीय भूमि मैसर्स अडानी रिन्यूवेबल एनर्जी होल्डिंग फॉर लिमिटेड को 1000 मेगावाट सोलर पावर प्रोजेक्ट की स्थापना के लिए कीमतन सरकारी भूमि आवंटित करने का निर्णय लिया गया है।
सौर ऊर्जा आधारित उत्पादन यूनिट्स की स्थापना से राज्य में बिजली उत्पादन (Electricity Production) में बढ़ोतरी होगी। इसके अलावा स्थानीय रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे और राज्य के राजस्व में भी इजाफा होगा। वहीं, सौर ऊर्जा नीति 2019 के तहत वर्ष 2024-25 तक 30,000 मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए मौजूदा सरकार ने कैबिनेट की मंजूरी से सौर और पवन ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना के लिए करीब 16,000 हेक्टेयर भूमि आवंटित की है।
वहीं उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि मोदी सरकार पर उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाने वाली कांग्रेस खुद अडानी समूह को बड़े-बड़े प्रोजेक्ट सौंप रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को अडानी समूह फूटी आंख नहीं सुहाता है, लेकिन उनके साथ परदे के पीछे डील कर जनता की आंखों में धूल झोंकने के काम इसी कांग्रेस सरकार के राज में लगातार हो रहा है। अडानी समूह को पानी पी-पी कर कोसने वाली कांग्रेस को अब समझना चाहिए कि जिनके खुद के घर शीशे के होते हैं, वह दूसरों पर पत्थर नहीं फेंका करते है।
राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी एक ओर अपने भाषणों में अडानी समूह को लगातार आरोपों के कटघरे में खड़ा करते हैं। कांग्रेस शासित सरकार उसी अडानी समूह को बार-बार उपकृत कर कभी कोयला खरीद तो कभी सोलर पावर प्रोजेक्ट के लिए चयनित करने का काम कर रही है।
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