नई दिल्ली। अमेरिकी जनरल की तरफ से वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) को लेकर की गई टिप्पणी के बाद AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि विदेशी हमें चीन की गतिविधियों की जानकारी दे रहे हैं, इस बात पर सरकार को शर्म आनी चाहिए। साथ ही उन्होंने सरकार पर संसद में इस मुद्दे पर चर्चा नहीं करने के आरोप लगाए हैं।
AIMIM अध्यक्ष ने कहा, ‘हमें यह बताने के लिए अमेरिकी जनरल की जरूरत है कि चीन की तैयारियों और गतिविधियों से लद्दाख की स्तिथि ‘चेताने वाली’ और ‘आंख खोलने वाली’ है, क्योंकि हमारे मुखर प्रधानमंत्री चीन बोलना भूल गए हैं।’ उन्होंने कहा, ‘यह दुखत है कि संसद में विषय पर मेरे सवालों से इनकार कर दिया गया और चीन की सीमा पर गतिविधियों पर कोई चर्चा नहीं हुई। एक विदेशी हमें दिल्ली यह बता रहा है, सरकार को शर्म आनी चाहिए।’
अमेरिकी जनरल ने क्या कहा था?
अमेरिका के एक शीर्ष जनरल ने बुधवार को कहा कि लद्दाख में भारत से लगती सीमा के निकट चीन द्वारा कुछ रक्षा बुनियादी ढांचे स्थापित किया जाना ”चिंताजनक” है और इस क्षेत्र में चीनी गतिविधियां ”आंख खोलने” वाली है।
भारत के दौरे पर आये अमेरिकी सेना के प्रशांत क्षेत्र के कमांडिंग जनरल चार्ल्स ए. फ्लिन ने यहां पत्रकारों से कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) का ”अस्थिर करने वाला और दबाव बढ़ाने वाला” व्यवहार उसकी मदद नहीं करने जा रहा है और भारत से लगती अपनी सीमा के निकट चीन द्वारा स्थापित किए जा रहे रक्षा बुनियादी ढांचे चिंताजनक हैं।
भारत और चीन के सशस्त्र बलों के बीच पांच मई, 2020 से पूर्वी लद्दाख में सीमा पर तनावपूर्ण संबंध बने हुए हैं, जब पैंगोंग त्सो क्षेत्रों में दोनों पक्षों के बीच हिंसक झड़प हुई थी। पिछले महीने, यह सामने आया कि चीन पूर्वी लद्दाख में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण पैंगोंग झील के आसपास अपने कब्जे वाले क्षेत्र में एक अन्य पुल का निर्माण कर रहा है और वह ऐसा कदम इसलिए उठा रहा है ताकि सेना को इस क्षेत्र में अपने सैनिकों को जल्दी से जुटाने में मदद मिल सके।
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