बांदा। यूपी में योगी आदित्यनाथ सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी की खातिरदारी करने वाले डिप्टी जेलर समेत 5 पुलिस अधिकारियों को योगी सरकार ने सस्पेंड कर दिया है।
सोमवार रात डीएम अनुराग पटेल, एसपी अभिनंदन, सीओ सिटी राकेश कुमार सिंह, एसओजी और पुलिस बल के साथ अचानक मंडल कारागार पहुंचे। पहले गेट में प्रवेश के बाद दूसरे गेट पर अफसरों को करीब 15 मिनट इंतजार करना पड़ा, तब गेट खोला गया। अधिकारी सीधे मुख्तार की तन्हाई बैरक (15 और 16 नंबर) पहुंचे। बैरक बंद थी। डिप्टी जेलर वीरेश्वर प्रताप से बैरक की चाबी मांगी गई। चाबी लाने में भी उन्होंने 15 मिनट लगा दिए, जिस पर अफसरों को संदेह हुआ। अधिकारियों ने बैरक की तलाशी ली तो वहां दहशरी आम, खजूर और कीवी के साथ जेल मैन्युअल से अलग खाना मिला।
अधिकारियों ने पूछताछ की तो पहले सुरक्षा कारणों का हवाला दिया गया। जेल मैन्युअल से अलग स्पेशल ट्रीटमेंट देने के आदेश की जानकारी मांगी तो डिप्टी जेलर ने बताया कि प्रभारी जेलर के निर्देश पर फल और बाहर से खाना मंगवाया जाता है। प्रभारी जेलर हफ्ते भर के अवकाश पर बहराइच गए हैं।
चित्रकूट के डिप्टी जेलर संतोष कुमार को प्रभार मिला है, जो निरीक्षण के वक्त होटल में थे। जेल में मिली गंभीर अनियमितताओं और निरीक्षण में बाधा डालने की रिपोर्ट अधिकारियों ने महानिदेशक कारागार प्रशासन को भेजी। इस पर डिप्टी जेलर को निलंबित कर दिया गया।
बंदी रक्षक बिना बॉडी कैम के मिले
मुख्तार की बैरक के पास सुरक्षा ड्यूटी करने वाले बंदी रक्षकों के लिए बॉडी कैम मुहैया कराए गए हैं। इन्हें ड्यूटी के वक्त पहनना अनिवार्य है लेकिन बैरक के पास तैनात चार सिपाही बॉडी कैम के बिना ड्यूटी कर रहे थे।
डीएम अनुराग पटेल ने बताया कि निरीक्षण में गंभीर अनियमितताएं पाई गईं। डिप्टी जेलर वीरेश्वर प्रताप सिंह की ओर से सहयोग नहीं किया गया। इसकी संयुक्त रिपोर्ट अपर मुख्य सचिव गृह एवं कारागार को भेजी गई थी, जिस पर डिप्टी जेलर और चार बअंदी रक्षकों का निलंबन हुआ है।
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