नई दिल्ली। भारत निर्वाचन आयोग (ईसी) ने मंगलवार को कहा कि वह प्रायोगिक आधार पर रिमोट वोटिंग (दूरस्थ मतदान) की संभावनाएं तलाशना शुरू कर रहा है। चुनाव आयोग ने यह भी कहा कि प्रवासी मतदाताओं के मुद्दों की जांच के लिए एक समिति का गठन किया जाएगा और यह समिति राजनीतिक दलों से भी परामर्श मांगेगी।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार के उत्तराखंड के एक दूरस्थ मतदान केंद्र की एक घंटे की यात्रा करने के कुछ दिनों बाद, मंगलवार को निर्वाचन आयोग ने मतदान के दिन से तीन दिन पहले ऐसे मतदान केंद्रों पर जाने वाले मतदान अधिकारियों के पारिश्रमिक को दोगुना करने का फैसला किया। एक बयान के अनुसार निर्वाचन आयोग ने मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए कहा, विशेष रूप से प्रवासियों के बीच। आयोग ने कहा, ‘‘अब समय आ गया है कि दूरस्थ मतदान की संभावनाओं का पता लगाया जाए और प्रायोगिक आधार पर ऐसा किया जा सकता है।’’ कुमार ने शुक्रवार को उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित राज्य के सबसे दूरस्थ मतदान केंद्र दुमक का दौरा किया था।
“प्रवासियों को मतदान केंद्र पर लौटना मुश्किल हो जाता है”
बयान में कहा गया है, ‘‘मतदाता अपने मतदान पंजीकरण वाले स्थान से शहरों और अन्य स्थानों पर शिक्षा, रोजगार और अन्य उद्देश्यों के लिए पलायन करते हैं। उनके लिए वोट डालने के लिए अपने पंजीकृत मतदान केंद्र पर लौटना मुश्किल हो जाता है। आयोग का मानना है कि दूरस्थ मतदान की संभावनाओं का पता लगाने का समय आ गया है, और ऐसा प्रायोगिक आधार पर किया जा सकता है।’’
सभी हितधारकों के परामर्श करेगा आयोग
इसमें कहा गया है कि प्रवासी मतदाताओं के मुद्दों पर गौर करने के लिए एक समिति का गठन किया जाएगा। बयान के अनुसार इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि मतदाता और राजनीतिक दल प्राथमिक हितधारक हैं, उसके बाद सभी हितधारकों के साथ व्यापक परामर्श शुरू किया जाएगा। निर्वाचन आयोग की एक बैठक में यह भी फैसला लिया गया कि कठिनाई वाले क्षेत्रों में ईवीएम-वीवीपीएटी को सुरक्षित ले जाने के लिए अतिरिक्त उपकरण मुहैया कराये जायेंगे।
आयोग शहरी क्षेत्रों में मतदान को लेकर उदासीनता को दूर करने की कोशिश करते हुए, अब सभी केंद्र और राज्य सरकार के विभाग, केंद्र और राज्य के सार्वजनिक उपक्रम और 500 से अधिक कर्मचारियों वाली कॉर्पोरेट संस्थाएं छुट्टी लेने वाले लेकिन गैर-मतदान कर्मचारियों का पता लगाने के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त करेंगी।
बयान में कहा गया है, ‘‘आयोग ने दुर्गम क्षेत्रों में चुनाव ड्यूटी करने वाले उन मतदानकर्मियों के समर्पण की सराहना की, जो मतदान से तीन दिन पहले ही मतदान केन्द्रों पर पहुंच जाते हैं और आयोग ने ऐसे मतदान अधिकारियों का पारिश्रमिक दोगुना करने का फैसला किया।अब तक, मतदान अधिकारियों के लिए पारिश्रमिक सभी के लिए एक समान हुआ करता था।’’ कुमार के सीईसी के रूप में पदभार संभालने के बाद पिछले तीन हफ्तों में निर्वाचन आयोग द्वारा लिया गया यह तीसरा बड़ा फैसला है।
गौरतलब है कि चुनाव आयोग पिछले कुछ वर्षों से रिमोट वोटिंग की अवधारणा पर विचार कर रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चुनाव आयोग ने देश भर में प्रवासी श्रमिकों की आबादी की मैपिंग शुरू करने की योजना बनाई है ताकि रिमोट वोटिंग शुरू करने के लिए रोड मैप तैयार किया जा सके।
Discussion about this post