गाजियाबाद। जनपद में पांच वर्षीय बच्ची में मंकीपॉक्स नहीं मिला है। मंगलवार को संदिग्ध मरीज की रिपोर्ट निगेटिव आई है। मरीज में मंकी पॉक्स के लक्षण दिखने पर उसका सैंपल जांच के लिए आईसीएमआर पुणे भेजा गया था।
पटना के जहानाबाद निवासी परिवार 3 जून को अपनी 5 वर्षीय बच्ची को लेकर गाजियाबाद के हर्ष ENT क्लीनिक में पहुंचा था। बच्ची को दोनों कानों से सुनने में परेशानी है। डॉक्टर BP त्यागी ने बच्ची का इलाज शुरू किया तो उन्हें उसके शरीर पर खुजली और जगह-जगह दाने मिले, जैसे मंकी पॉक्स बीमारी में दिखाए गए हैं।
स्वास्थ्य विभाग ने इसे मंकीपॉक्स का संदिग्ध केस मानते हुए बच्ची का सैंपल जांच के लिए NIV की पुणे लैब में भेजा था। स्वास्थ्य विभाग के जिला सर्विलांस अधिकारी डॉक्टर आरके गुप्ता ने बताया कि मंगलवार को जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। यानि यह मंकीपॉक्स का केस नहीं है। जिला एमएमजी अस्पताल के त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. एके दीक्षित ने बच्ची और उसकी फैमिली से इस बीमारी पर विस्तार से बात की। इसमें यह बात सामने आई कि बच्ची को इस मौसम में हर साल पूरे शरीर पर दाने होते हैं।
डॉक्टर दीक्षित के अनुसार, बच्ची को पैपोलर आर्टिकेरिया की परेशानी है। परिवार में इस बच्ची के अलावा दो और बच्चों में भी इसी तरह के लक्षण हैं। मंकी पॉक्स में इससे कुछ अलग तरह के दाने होते हैं और संक्रमित को तेज बुखार हो जाता है।
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