गाजियाबाद। वाराणसी सीरियल ब्लास्ट केस में दोषी करार दिए गए आतंकी मोहम्मद वलीउल्लाह को सोमवार को गाजियाबाद कोर्ट द्वारा एक मामले में फांसी और दूसरे में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। इन बम ब्लास्ट में 18 लोगों की मौत हुई थी।
16 साल पुराने वाराणसी सीरियल ब्लास्ट केस में गाजियाबाद की जिला एवं सत्र अदालत ने शनिवार 4 जून को वल्लीउल्लाह को दोषी ठहराया था। सिलसिलेवार हुए ब्लास्ट केस के दो मामलों में जिला जज ने आतंकी वल्लीउल्लाह को दोषी माना था, जबकि एक में बरी कर दिया था। इन धमाकों में 16 लोगों की मौत हो गई थी। स्टेशन और संकटमोचन मंदिर में तेज धमाके का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता था कि फर्श में दो से तीन फीट तक गड्ढे हो गए थे। धमाके में किसी का हाथ उड़ गया कोई जिंदगी भर के लिए पैर पर खड़ा नहीं हो सका। सेकेंड भर में हंसती खेलती दुनिया जैसे उजड़ गई, घर के कमाने वाले से लेकर परिवार की पीढ़ी को आगे बढ़ाने वाले तक की मौत हो गई थी।
2006 में हुए धमाके में 18 लोगों की हुई थी मौत
7 मार्च 2006 को वाराणसी के संकट मोचन मंदिर और कैंट रेलवे स्टेशन पर सीरियल ब्लास्ट हुए थे। इस घटना में 18 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 50 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। उसी शाम को दशाश्वमेध घाट पर भी विस्फोटक मिले थे। पुलिस ने 5 अप्रैल 2006 को इस मामले में इलाहाबाद के फूलपुर गांव निवासी वली उल्लाह को लखनऊ के गोसाईंगंज इलाके से गिरफ्तार किया था।
मुकदमा लड़ने से वाराणसी के वकीलों ने मना कर दिया था
वली उल्लाह पर संकट मोचन मंदिर और वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन पर विस्फोट की साजिश रचने व आतंकवाद फैलाने का आरोप है। वली उल्लाह का मुकदमा लड़ने से वाराणसी के वकीलों ने मना कर दिया था। इसके बाद हाई कोर्ट ने यह केस गाजियाबाद जिला जज के न्यायालय में ट्रांसफर कर दिया था। तभी से केस की सुनवाई गाजियाबाद स्थित जिला जज की कोर्ट में चल रही है।
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