वॉशिंगटन। अंतरिक्ष की दुनिया के महान वैज्ञानिक माने जाने वाले अल्बर्टो कैबलेरो ने एलियंस से संपर्क साधने की कोशिश करने वाले वैज्ञानिकों को गंभीर चेतावनी दी है और कहा है कि, आकाशगंगा में छिपी चार शत्रुतापूर्ण सभ्यताएं पृथ्वी पर हमला कर सकती हैं और पूरी पृथ्वी को खत्म कर सकती हैं। अंतरिक्ष शोधकर्ता अल्बर्टो कैबलेरो ने पृथ्वी ग्रह को खतरे में डालने वाले खतरनाक एलियंस के पृथ्वी पर हमला करने की संभावनाओं को लेकर गणना की है और फिर उनका रिसर्च प्रकाशित किया गया है।
अंतरिक्ष शोधकर्ता अल्बर्टो कैबलेरो ने कहा है कि, धरती पर एलियंस का हमला उसी तरह से हो सकता है, जैसे किसी ऐस्टेरॉयड के हमले में पृथ्वी को नष्ट किया जा सकता है। उन्होने चेतावनी देते हुए कहा कि, दूसरे ग्रहों पर रहने वाली सभ्यता के साथ संपर्क बनाने की कोशिश कर रहे संदेशों को भेजकर पृथ्वी पर हमले की संभावनाओं को बढ़ाया जा रहा है और इससे बचने की कोशिश की जानी चाहिए। स्पेन में विगो विश्वविद्यालय में पीएचडी अल्बर्टो ने इंटरनेशनल जर्नल ऑफ एस्ट्रोबायोलॉजी में ये रिसर्च लिखा है, जिसमें उन्होंने कई दावे किए हैं।
उन्होंने कहा कि इसको लेकर एक संकेत पहली बार 1977 में एक रेडियो टेलीस्कोप द्वारा पता लगाया गया था, जिसमें रेडियो ऊर्जा का एक मिनट लंबा विस्फोट दर्ज किया गया था, जो शायद पृथ्वी से 1,800 प्रकाश वर्ष दूर सूर्य जैसे तारे से उत्पन्न हुआ था। उन्होंने कहा कि, यह परग्रही जीवन का सबसे अच्छा संभावित संकेतक माना जाता है क्योंकि मनुष्यों ने 60 साल से अधिक समय पहले उन्हें खोज करना शुरू किया था। उन्होंने लिखा है कि, ‘मेरा रिसर्च उसी पर आधारित है, जितनी जानकारी हमारे पास मौजूद है’।
डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक, अल्बर्टो कैबलेरो ने अपने रिसर्च पेपर में लिखा है कि, ‘किसी और ग्रह पर बसने वाली सभ्यता के पास जो दिमाग होगा, उसमें हो सकता है, किसी अलग तरह का कैमिकल ब्रेन हो, जिनमें शायद हमारे लिए या किसी और जीवन के लिए किसी भी तरह की सहानुभूति ना हो या फिर उनके पास हमसे उलट किसी और तरह के मनोवैज्ञानित व्यवहार हों।’ उन्होंने वैज्ञानिकों को चेतावनी दी कि वे METI, यानि मैसेजिंग एक्स्ट्रा-टेरेस्ट्रियल इंटेलिजेंस’ को तैनात करने में सावधानी बरतें, क्योंकि वो इस आक्रमण को और भड़का सकता है।
अपने अध्ययन को संकलित करने के लिए अल्बर्टो ने पिछले 50 वर्षों में एक देश द्वारा किसी दूसरे देश पर किए गये हमलों का जिक्र किया है और बताया है, कि जब एक इंसान दूसरे इंसान की जान लेने से नहीं हिचकता है, जबकि इंसानों के पास संवेदनशील दिमाग है, फिर हम उन सभ्यता पर कैसे यकीन कर सकते हैं, जिनके बारे में हमें कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने उस डेटा को हमारी आकाशगंगा में ज्ञात एक्सोप्लैनेट की संख्या पर लागू किया, जो कि इतालवी वैज्ञानिक क्लाउडियो मैककोन ने लगभग 15,785 होने का अनुमान लगाया गया था। बाहरी अंतरिक्ष में मानव संघर्ष की आवृत्ति को लागू करते हुए, अल्बर्टो का अनुमान है कि चार ‘दुर्भावनापूर्ण’ विदेशी सभ्यताएं हो सकती हैं, जो पृथ्वी पर हमला कर सकती हैं।
इससे पहले इसी साल मार्च महीने में एक प्रोफेसर ने भी सनसनीखेज दावा करते हुए कहा था कि, एलियंस इंसानों का अपहरण कर रहे हैं और खुद धरती पर रह रहे हैं। अपनी थ्योरी को साबित करने के लिए कई तर्क दिए थे। अमेरिका के पेंसिलवेनिया की टेंपल यूनिवर्सिटी में इतिहास के प्रोफेसर और यूफोलॉजी के एक्सपर्ट डॉक्टर डेविड जैकब्स ने अजीबो-गरीब दावा करते हुए कहा था कि, उन्होंने कई कथित बचे लोगों का इंटरव्यू लिया है। उन्होंने एकत्र किए गए साक्ष्य से एलियंस अपहरणों पर कई किताबें लिखी हैं। डॉ जैकब्स ने अपने निष्कर्षों को डॉक्यूमेंट्री एक्स्ट्राऑर्डिनरी: द रेवेलेशन्स ड्यूरिंग यूएफओ वीक ऑन ब्लेज़ में लिखा है और उसका निष्कर्ष उन्होंने भयावह बताया है।
डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक डेविड जैकब्स ने दावा किया था कि एलियंस धरती पर हमले की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन इससे पहले वे इंसानों का अपहरण करके उनका माइंड कंट्रोल कर रहे हैं। उनके मुताबिक इंसान ने बहुत सारी जगहों पर फतह किया और एलियंस भी शायद यही करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि उनकी बात ऐसे कई लोगों से हुई, जिनका एलियंस ने अपहरण किया था और उन्हें कहा कि वे उनसे भविष्य में काम लेंगे। ऐसे तमाम लोगों ने बताया कि उन्हें क्राउड कंट्रोल का इंस्ट्रक्शन दिया जा सकता है।
प्रोफेसर डेविड जैकब्स के सनसनीखेज दावों में बताया कि, अपहरणकर्ताओं की गवाही समय के साथ बदलनी शुरू हो गई, और कुछ ने दावा किया है कि उन्होंने यूएफओ पर मानव जैसे एलियंस को देखा है। वे धरती पर मौदूज मनुष्यों जैसे दिखते हैं। प्रोफेसर ने कहा कि, मुझे एक शख्स ने बताया कि वे इंसानों की तरह ही दिखते हैं और वे सीखते हैं कि उन्हें इंसानों के बीच किस तरह रहना है। वे सुपरह्यूमन हैं और वे हमें कंट्रोल करना चाहते हैं। वे इंसानों के दिमाग को आसानी से नियंत्रित कर सकते हैं।
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