सहारनपुर। जमीयत उलेमा-ए-हिंद (महमूद मदनी गुट) की वर्किंग कमेटी में रविवार को प्रस्ताव पास हुआ कि मुसलमान वाराणसी की ज्ञानवापी और मथुरा की ईदगाह से अपना दावा नहीं छोड़ेंगे। साथ ही तय हुआ कि सिविल कॉमन कोड का विरोध किया जाएगा। जमीयत के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि जिन लोगों को हमारा मजहब पसंद नहीं हैं, वह देश छोड़कर चले जाएं।
मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि हमारा मजहब अलग है, हमारा लिबास अलग है, हमारे खाने-पीने, पहनने का तरीका भी अलग है। यदि तुमको हमारा मजहब बर्दाश्त नहीं है तो तुम कहीं ओर चले जाओ। मौलाना मदनी ने कहा कि वे जरा-जरा सी बात पर हमें कहते हैं कि पाकिस्तान चले जाओ। अरे तुम्हें मौका नहीं मिला था पाकिस्तान जाने का। हमें मौका मिला लेकिन हमने रिजेक्ट कर दिया था।
उन्होंने कहाकि हम किसी से डरने वाले नहीं। जो हमें डराने की कोशिशें करते हैं, वह अपने ही लोगों को हमारा नाम लेकर डराने लगते हैं। हम अपने नज़रियात और पालिसी से कोई समझौता नहीं करेंगे। कानून कोई भी बना लिए जाएं, हम अपनी शरीयत नहीं छोड़ने वाले।
जमीयत के दो दिवसीय सम्मेलन में रविवार को आखिरी दिन कई प्रमुख प्रस्ताव पास किए गए। इसमें ज्ञानवापी और मथुरा ईदगाह पर दावा नहीं छोड़ने के साथ ही शरीयत में दखल बदार्श्त नहीं करने, मुसलमानों के उर्दू के साथ हिन्दी भी अपनाने, सच्चर कमेटी की रिपोर्ट संसद में रखने, सोशल मीडिया पर इस्लाम की सही तस्वीर पेश करने, वक्फ संपत्ति की देखरेख करने, तालीम याफ्ता बनने और पयार्वरण का संरक्षण करने के साथ ही साफ-सफाई पर ध्यान देने संबंधी प्रस्तावों पर सर्व सम्मति से मुहर लगाई गई।
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