इस्लामाबाद। पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार ने पेट्रोल-डीजल की कीमत में 30 रुपये की बढ़ोतरी कर दी है। पाकिस्तान के वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल ने गुरुवार को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) द्वारा वस्तुओं पर सब्सिडी को समाप्त करने पर आवश्यक शर्त के बाद पेट्रोलियम उत्पादों की कीमत में भारी बढ़ोतरी की घोषणा की है। वहीं पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारत की सराहना करते हुए शहबाज शरीफ की सरकार पर जमकर निशाना साधाते हुए आईना दिखाया है।
पाकिस्तान के वित्त मंत्री ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि, सरकार ने 27 मई से प्रभावी रूप से पेट्रोल, डीजल, मिट्टी के तेल और हल्के डीजल की कीमतों में 30 रुपये की बढ़ोतरी करने का फैसला किया है। पाकिस्तान सरकार के इस फैसले के बाद अब पाकिस्तान में पेट्रोल की कीमत 179.86 रुपये हो गई है, वहीं डीजल की कीमत 174.15 रुपये हो गई है।
पाकिस्तान सरकार के वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल ने कहा कि, देश की अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए सरकार का कुछ बोझ जनता पर डालना आवश्यक था। हालांकि, वित्तमंत्री ने कहा कि, पेट्रोल की कीमत 30 रुपये बढ़ाने के बाद भी सरकार अभी घाटे में चल रही है और आईएमएफ से फंड हासिल करने के लिए जल्द ही फिर से बात की जाएगी।
वहीं इमरान खान ने एक ट्वीट में कहा, “देश पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 20% यानी 30 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी के साथ विदेशी आकाओं के सामने आयातित सरकार की अधीनता के लिए कीमत चुकाना शुरू कर रहा है। हमारे इतिहास में सबसे ज्यादा एकल मूल्य वृद्धि है। अक्षम और असंवेदनशील सरकार ने रूस के साथ हमारे सौदे को आगे नहीं बढ़ाया है जो कि 30% सस्ता तेल खरीदने का था।”
उन्होंने आगे कहा, “इसके विपरीत भारत जो कि अमेरिका का रणनीतिक सहयोगी है, ने रूस से सस्ता तेल खरीदकर ईंधन की कीमतों में 25 रुपये (पाकिस्तानी रुपये) प्रति लीटर की कमी करने में कामयाब रहा है। अब हमारे देश को इस बदमाशों के हाथों मुद्रास्फीति की एक और भारी खुराक भुगतनी पड़ेगी।”
आपको बता दें कि, पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था इस वक्त काफी तेजी से बिगड़ रही है। कुछ अनुमानों में इस वित्तीय वर्ष में पाकिस्तान का चालू खाता घाटा लगभग 17 अरब डॉलर या उसकी जीडीपी से 4.5% से ज्यादा हो गया है। पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार में तेजी से गिरावट आई है और पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक ने इस महीने एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा है कि, फरवरी के अंत में पाकिस्तान के पास 16.3 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार था, जिसमें 6 अरब डॉलर और खत्म हो चुके हैं और पाकिस्तान के पास अब सिर्फ 10 अरब डॉलर का ही विदेशी मुद्रा भंडार बचा है। वहीं, पाकिस्तान की फाइनेंस टीम कतर की राजधानी दोहा में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से दोबारा बातचीत शुरू करने की कोशिश कर रही है।