एक साल के अंदर कई नेताओं ने छोड़ा कांग्रेस का हाथ, कभी थे राहुल गाँधी के करीबी

नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी से पलायन का सिलसिला थम नहीं रहा है। पार्टी छोड़ने वाले नेताओं में नया नाम सुनील जाखड़ और हार्दिक पटेल का है। पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष जाखड़ गुरुवार को भाजपा में शामिल हो गए। हार्दिक के भी निकट भविष्य में भाजपा का दामन थामने की अटकलें हैं।

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से ठीक पहले आरपीएन सिंह ने कांग्रेस को अलविदा कहा था। उनसे पहले जितिन प्रसाद ने भाजपा का दामन थामा था और वह फिलहाल उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री हैं। पिछले कुछ वर्षों में कांग्रेस छोड़ने वाले कई प्रमुख नेताओं में कई नाम ऐसे हैं जो कभी राहुल गांधी की ‘युवा ब्रिगेड’ का हिस्सा माने जाते थे। राहुल गांधी के करीबी माने जाने वाले प्रमुख युवा नेताओं के पार्टी छोड़ने का सिलसिला मार्च, 2020 में उस समय हुआ जब ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस को अलविदा कह भाजपा का दामन थाम लिया।

नतीजा यह हुआ कि मध्य प्रदेश में 15 साल के बाद बनी कांग्रेस की सरकार 15 महीनों में ही सत्ता से बाहर हो गई। सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने के कुछ महीने बाद ही एक समय ऐसा आया कि सचिन पायलट कांग्रेस से जुदा होने के मुहाने पर खड़े हो गए, हालांकि आलाकमान के दखल और बातचीत के बाद उन्होंने अपने कदम पीछे खींच लिए।

सिंधिया, प्रसाद, आरपीएन सिंह जैसे कद्दावर नेताओं ने छोड़ी कांग्रेस
केंद्र में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) सरकार के समय सिंधिया, पायलट, प्रसाद, आरपीएन सिंह और मिलिंद देवड़ा वे चंद युवा नेता थे जिन्हें राहुल गांधी की ‘युवा ब्रिगेड’ की संज्ञा दी जाती थी। आज इनमें से पायलट और देवड़ा ही कांग्रेस में रह गए हैं। पिछले साल ही महिला कांग्रेस की अध्यक्ष सुष्मिता देव कांग्रेस को छोड़कर तृणमूल कांग्रेस के पाले में चली गईं। इससे पहले झारखंड में अजय कुमार, हरियाणा में अशोक तंवर और त्रिपुरा में प्रद्युत देव बर्मन जैसे युवा नेताओं ने कांग्रेस को अलविदा कह दिया था। अजय कुमार की अब कांग्रेस में वापसी हो चुकी है।

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