नई दिल्ली। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार को आईआईटी मद्रास में 5जी कॉल की टेस्टिंग की। इसकी सबसे अच्छी बात यह है कि पूरा नेटवर्क भारत में ही डिजाइन और डेवलप किया गया है। इसकी जानकारी खुद अश्विनी वैष्णव ने दी। उन्होंने 5जी नेटवर्क पर वीडियो कॉल करते हुए वहां मौजूद पत्रकारों को भी कॉल दिखाई।
5G टेस्ट बेड को टोटल 8 इंस्टीट्यूट ने मिलकर डेवलप किया है। इसे IIT मद्रास के नेतृत्व में डेवलप किया गया है। इस प्रोजेक्ट में IIT दिल्ली, IIT हैदराबाद, IIT बाम्बे, IIT कानपुर, IISc बैंगलोर, सोसाइटी फॉर एप्लाइड माइक्रोवेव इलेक्ट्रानिक्स इंजीनियरिंग एंड रिसर्च (SAMEER) और सेंटर आफ एक्सीलेंस इन वायरलेस टेक्नोलाजी (CEWiT) शामिल हैं।
अश्विनी वैष्णव ने इसका एक वीडियो अपने ट्विटर पर भी पोस्ट किया है। उन्होंने लिखा है- ‘भारत में विकसित 4G और 5G नेटवर्क, प्रधानमंत्री मोदी के आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को सिद्ध करने का प्रयास है।’ एक अन्य ट्वीट में उन्होंने आईआईटी मद्रास की टीम को हाइपरलूप बनाने के लिए बधाई भी दी।
दो दिन पहले पीएम मोदी ने 5G टेस्टबेड को किया था लॉन्च
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 मई को 5G टेस्टबेड को लॉन्च किया था। 5G टेस्टबेड देश की टेलीकॉम इंडस्ट्री और स्टार्टअप को सपोर्ट करेगा। इसके अलावा ये उनके प्रोडक्ट्स, प्रोटोटाइप और सॉल्यूशन को पांचवें जेनरेशन में वैलिडेट करेगा। पीएम ने टेलीकॉम रेगुलेटरी ऑथोरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) के सिल्वर जुबली समारोह में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये ये स्वदेश निर्मित टेस्टबेड लॉन्च किया था।
नरेंद्र मोदी ने 5 G टेस्टबेड लॉन्च करने के बाद इसे आत्मनिर्भर भारत की दिशा में अहम कदम बताया था। पीएम मोदी ने कहा था कि अगले 15 साल में 5G नेटवर्क से देश की अर्थव्यवस्था को 450 बिलियन डॉलर तक की वृद्धि मिलेगी। उन्होंने कहा कि हमने गरीब से गरीब के हाथ तक मोबाइल पहुंचाने पर जोर दिया। इसके लिए देश में ही मोबाइल फोन बने, इस तरफ ध्यान दिया गया और इसका नतीजा ये हुआ कि आज देश में मोबाइल मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट की संख्या दो से बढ़कर आज 200 पहुंच गई है।
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