आईपीएल 2022 के 66वें मुकाबले में कोलकाता नाइट राइडर्स ने बुधवार को डीवाई पाटिल स्टेडियम में लखनऊ सुपर जायंट्स के खिलाफ आखिरी लीग मैच खेला। यह लखनऊ का भी आखिरी लीग मैच था, जिसमें उन्होंने रोमांचक मोड़ पर 2 रन से कोलकाता को हराकर प्लेऑफ में प्रवेश किया तो वहीं कोलकाता पूरी तरह से बाहर हो गया। इस मुकाबले को जीता तो केएल राहुल की टीम ने मगर सुर्खिया केकेआर के रिंकू सिंह बटोर गए। रिंकू सिंह ने अपनी बेहतरीन पारी से फैन्स का दिल जीत लिया।
लखनऊ ने पहले बल्लेबाजी करते हुए क्विंटन डी कॉक के शतक और कप्तान केएल राहुल के अर्धशतक की मदद से 211 रनों का लक्ष्य कोलकाता के सामने रखा था। इस स्कोर का पीछा करते हुए केकेआर 20 ओवर में 208 ही रन बना सकी। आखिरी कुछ ओवर्स में 2 बार की चैंपियन टीम कोलकाता के बाएं हाथ के बल्लेबाज रिंकू सिंह ने लखनऊ सुपर जाएंट्स के खेमे में खलबली मचा दी थी। रिंकू 15 गेंदों पर 2 चौकों और 4 छक्कों की मदद से 40 रनों की तूफानी पारी खेलकर आउट हुए।
रिंकू को आखिरी ओवर में एविन लुईस ने शानदार कैच पकड़ पवेलियन का रास्ता दिखाया, स्टोइनिस की पांचवीं गेंद पर रिंकू ने हवाई शॉट मारा लेकिन बल्ले पर गेंद का संपर्क अच्छे से नहीं हुआ जिसके कारण गेंद हवा में डीप बैकवर्ड प्वाइंट की ओर गई जहां पर इविन लुईस (Evin Lewis) ने दौड़ लगाकर हवा में छलांग लगाकर एक हाथ से एक कमाल का कैच लेकर रिंकू की खूबसूरत पारी का अंत कर दिया। इस कैच को देखकर हर कोई हैरान था। इविन लुईस के इस कैच ने एक बार फिर साबित कर दिया कि ‘क्रिकेट अनिश्चितताओं का खेल है।’ अगर रिंकू आउट नहीं होते तो मुकाबले का नतीजा जरूर कोलकाता के पक्ष में होता।
हालांकि, कप्तान श्रेयस अय्यर ने कहा कि टीम में कोई भी दुख नहीं है कि वह प्लेऑफ तक नहीं पहुंच सके। श्रेयस ने कहा, “मैं बिल्कुल भी दुखी नहीं हूं क्योंकि यह क्रिकेट के सबसे अच्छे मैचों में से एक था जिसे मैंने ईमानदारी से खेला है। जिस तरह से हमने इस मैच में अपना चरित्र और रवैया दिखाया वो महान था।”
अय्यर ने आगे कहा, “जिस तरह से रिंकू ने हमें अंत तक पहुंचाया, वह मुझे अच्छा लगा, लेकिन दुर्भाग्य से वह मैच नहीं निकाल सका जब दो गेंदें बची थीं। वह वास्तव में इस हार से दुखी था। मैं उम्मीद कर रहा था कि वह हमारे लिए खेल खत्म कर सकता है। वह मैच का हीरो साबित हो सकता था। फिर भी उन्होंने शानदार पारी खेली और मैं उनके लिए खुश हूं।”
रिंकू सिंह की फर्श से अर्श तक की कहानी
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ से आने वाले रिंकु सिंह की कहानी में काफी स्ट्रगल देखने को मिलता है। पिता घर-घर सिलेंडर पहुंचाने का काम करते हैं वहीं एक भाई ऑटो रिक्शा चलता है तो दूसरा कोचिंग सेंटर में काम करता है। वह कुल 5 बहन-भाई है। रिंकू की पढ़ाई में ज्यादा रूचि नहीं थी जिस वजह से उन्होंने क्रिकेट को अपनी जिंगदी बना ली। 9वीं फेल रिंकू ने एक इंटरव्यू में बताया था कि 2012 से पहले जब वह क्रिकेट खेलते थे तो उनके पिता उन्हें मारा करते थे, मगर उस साल उन्होंने एक टूर्नामेंट में बाइक जीती जिसके बाद उनके पिता ने रिंकू को मारना बंद कर दिया। उस बाइक का इस्तेमाल रिंकू के पिता सिलेंडर डिलवर करने के लिए इस्तेमाल करते थे। रिंकू ने यह भी बताया कि एक बार उन्होंने अपने भाई को नौकरी के लिए कहा तो वह ऐसी जगह लेकर गया जहां साफ-सफाई और पोछा मारने का काम था, रिंकू वहां से लौट जाए और उन्होंने इसके बाद क्रिकेट खेलने में जी जान लगा दी।
आईपीएल नीलामी में सबसे पहले पंजाब किंग्स ने 2017 में रिंकू खरीदा, मगर उस साल उन्हें एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिला। उस दौरान रिंकू को पंजाब ने 10 लाख रुपए के बेस प्राइज में खरीदा था। इसके बाद 2018 में केकेआर ने इस खिलाड़ी पर 80 लाख रुपए खर्च किए। 2018 से रिंकू केकेआर का हिस्सा हैं, आईपीएल 2022 मेगा ऑकशन में केकेआर ने उन पर 55 लाख रुपए की बोली लगाई थी।
रिंकू सिंह आईपीएल 2022 में मचा रहे हैं तबाही
आईपीएल के शुरुआत सीजन में रिंकू को ज्यादा मैच खेलने को नहीं मिले, मगर इस साल उन्होंने सबसे अधिक 7 मैच खेले हैं जिसमें उन्होंने 34.80 की औसत से 174 रन बनाए हैं। रिंकू के आईपीएल करियर पर नजर डालें तो उन्होंने बीते 6 सालों में सिर्फ 17 ही मैच खेलने का मौका मिला है जिसमें उन्होंने 251 रन बनाए हैं। रिंकू अपनी बल्लेबाजी के अलावा लाजवाब फील्डिंग के लिए भी जाने जाते हैं।
बीसीसीआई ने रिंकू पर लगाया था तीन महीने का बैन
रिंकू सिंह पर बीसीसीआई तीन महीने का बैन भी लगा चुकी है, उन पर यह बैन 2019 के दौरान लगा था। दरअसल, उस दौरान उन्होंने बीसीसीआई की अनुमति के बिना अबू धाबी क्रिकेट के रमजान टी20 कप में हिस्सा लिया था। रिंकू के इस फैसले से नराज बीसीसीआई ने उन पर तीन महीने का बैन लगाया था।
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