सोनभद्र। यूपी के सोनभद्र की दुद्धी विधानसभा सीट से वर्ष 2012 में अनुसूचित जाति का प्रमाणपत्र लगाकर चुनाव जीतने वाली रूबी प्रसाद का जाति प्रमाण पत्र निरस्त कर दिया गया है। अनुसूचित जाति-जनजाति आयोग के उपाध्यक्ष रामनरेश पासवान की शिकायत पर समाज कल्याण विभाग की स्क्रूटनी कमेटी ने यह कार्रवाई की है। कमेटी ने संबंधित तहसीलदार, कानूनगो व लेखपाल के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कि जाने के आदेश दिए हैं।
रूबी प्रसाद वर्ष 2007 में जारी अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट दुद्धी से निर्दलीय विधायक चुनी गई थीं। इसके बाद वह समाजवादी पार्टी की सरकार बनने पर सपा में शामिल हो गई थीं। इस वक्त वह भाजपा में हैं। समाज कल्याण विभाग की स्क्रूटनी कमेटी ने उनके इस जाति प्रमाण पत्र को फर्जी करार दिया है। अनुसूचित जाति-जनजाति आयोग के चेयरमैन डा. रामबाबू हरित ने बुधवार की देर रात इसकी तस्दीक की। सर्वश्रेष्ठ विधायक तथा मिशेल ओबामा के हाथों वीमन इंपावरमेंट का खिताब हासिल कर चुकी रूबी प्रसाद के जाति प्रमाण पत्र की जांच वर्ष 2012 में रामनरेश पासवान की शिकायत पर शुरू हुई थी।
कमेटी के आदेश में कहा गया है कि रूबी प्रसाद बिहार के समस्तीपुर जिले की मूल निवासी हैं और उनके पिता सुबोध सिंह राजपूत हैं। इस तरह वह सामान्य वर्ग की महिला हैं और अनुसूचित जाति का फर्जी प्रमाण पत्र बनवा कर उसका लाभ ले रही थी।
रामनरेश इस वक्त अनुसूचित जाति-जनजाति आयोग उ.प्र. के उपाध्यक्ष हैं। पासवान का कहना है कि रूबी प्रसाद फर्जी जाति प्रमाण पत्र लेकर विधायक बनीं। यह मामला हाईकोर्ट तक गया। जांच चल रही थी, इसी बीच प्रमुख सचिव समाज कल्याण हिमांशु कुमार को कमेटी बनाकर जांच करने के आदेश दिये गये थे।
इसी कमेटी ने रूबी प्रसाद का जाति प्रमाणपत्र फर्जी पाया, जिसके बाद मामला अनुसूचित जाति-जनजाति आयोग पहुंचा और उनका अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र निरस्त कर दिया गया। आयोग के चेयरमैन डा. रामबाबू हरित ने बताया कि इस मामले में रूबी प्रसाद ने हलफनामा मांगा जा रहा था। मगर उन्होंने देने से इनकार कर दिया।
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