दिल्ली। जेल में बंद ठगी का आरोपी सुकेश चंद्रशेखर अपनी पत्नी के साथ अतिरिक्त मुलाकातों की अनुमति दिए जाने की मांग को लेकर 17 दिन से भूख हड़ताल कर रहा है। जेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उसने 23 अप्रैल से दो मई तक और चार मई से 12 मई तक भोजन नहीं किया तथा उसे जेल औषधालय में तरल पदार्थ दिए जा रहे हैं।
अधिकारी ने बताया कि इस प्रकार के कदाचार के लिए उसे कारावास की सजा दिए जाने का आदेश दिया गया है। उन्होंने कहा, ”उसकी मांग है कि तिहाड़ की जेल संख्या छह में बंद उसकी पत्नी से उसकी मुलाकात की व्यवस्था की जाए। उसे पहले ही महीने में दो बार यानी हर महीने के पहले और तीसरे शनिवार को अपनी पत्नी के साथ जेल में मुलकात की अनुमति दी जा चुकी है, जैसा कि अन्य कैदियों के साथ होता है। वह इनके अलावा अतिरिक्त मुलाकात चाहता था, जिसकी अनुमति नहीं है।”
सुरक्षा को लेकर आश्वस्त कर चुकी है सरकार
चंद्रशेखर के वकील ने जेल में उसकी जान को खतरा होने का दावा किया था। इसके जवाब में शुक्रवार को सरकार ने उच्चतम न्यायालय को चंद्रशेखर की सुरक्षा को लेकर आश्वस्त किया। न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित, न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया ने चंद्रशेखर के वकील के उस दावे का संज्ञान लिया कि जेल में उसकी जान को खतरा है।
पीठ ने केंद्र एवं दिल्ली सरकार को इस मामले में दो सप्ताह के भीतर अपना जवाब दाखिल करने को कहा है। वहीं, अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू ने पीठ को आश्वस्त किया कि आरोपी की सुरक्षा का पूरा ख्याल रखा जाएगा।
पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘हम इस याचिका को छह जून से शुरू होने वाले सप्ताह में इस अदालत की माननीय अवकाश पीठ के समक्ष सूचीबद्ध करने का निर्देश देते हैं। हम इसे रिकॉर्ड पर ले सकते हैं कि एएसजी ने तिहाड़ जेल में बंद आरोपी की सुरक्षा सुनिश्चित करने को लेकर हमे आश्वस्त किया है। ऐसे बयान को ध्यान में रखते हुए कोई भी अंतरिम निर्देश जारी नहीं किया जा रहा।’
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