उदयपुर। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के क्षेत्रीय पार्टियों को लेकर दिए गए बयान पर पार्टी के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने सफाई दी है। राहुल गांधी का एक बयान सुर्खियां बटोर रहा है जिसमें उन्होंने क्षेत्रीय पार्टियों का जिक्र कर दिया। राहुल गांधी के इस बयान से ना सिर्फ क्षेत्रीय पार्टियां नाराज नजर आ रही हैं बल्कि राजनीतिक विश्लेषक राहुल के इस बयान के नफा नुकसान के आकलन में जुट गए हैं।
कांग्रेस का राजस्थान के उदयपुर में तीन दिन का चिंतन शिविर खत्म हो गया। इस चिंतन शिविर में राहुल गांधी ने बयान दिया कि अगर कोई दल भाजपा को हरा सकती है तो वह कांग्रेस पार्टी है, क्षेत्रीय पार्टियां भाजपा को नहीं हरा सकती हैं। इस दौरान राहुल गांधी ने आरएसएस-भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि इनकी विचारधारा देश के लिए खतरा है और क्षेत्रीय पार्टियों के पास ऐसी विचारधारा नहीं कि वो भाजपा को हरा सके।
राहुल गांधी के इस बयान पर क्षेत्रीय दलों ने पलटवार करते हुए इसे बचकाना बताया है। समाजवादी पार्टी ने कहा चिंतन शिविर का निष्कर्ष अपने आप में दिखाता है कि कांग्रेस देश की राजनीति के लिए कितनी खतरनाक है। वहीं आरजेडी के प्रवक्ता मनोज कुमार झा ने कहा कि भाजपा के खिलाफ लड़ाई में क्षेत्रीय दल लोकसभा में मजबूत हैं। कांग्रेस को उन्हें अपना साथी मानना चाहिए और उन्हें ‘ड्राइविंग सीट’ पर रहने देना चाहिए। झा ने यह भी कहा कि यही बात राजद नेता तेजस्वी यादव ने भी कही है।
जेडी(एस) नेता एचडी कुमारस्वामी ने कहा कि पार्टी में क्षेत्रीय दलों को लेकर ‘फोबिया’ हो गया है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को यह याद रखना चाहिए कि कांग्रेस ने क्षेत्रीय पार्टियों की मदद से केंद्र में 10 साल शासन किया है।
वहीं थरूर ने कहा, ‘मुझे लगता है कि उनका (राहुल गांधी) का मतलब था कि हमारे पास राष्ट्रीय नजरिया है। हम देश के लिए बोलते और सोचते हैं। जबकि, क्षेत्रीय पार्टियां आमतौर पर अपने स्वरूप के चलते एक खास क्षेत्र या समूह तक सीमित होती हैं।’ उन्होंने स्पष्ट किया, ‘मुझे लगता है उदाहरण के लिए तृणमूल, राजद, समाजवादी पार्टी और यहां तक कि डीएमके की विचारधारा का अधिकांश हिस्सा कांग्रेस के मत के अनुकूल होगा।’
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