नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में परिसीमन को लेकर इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) ने आपत्ति जाहिर की है। ओआईसी की तरफ से परिसीमन को लेकर कई ट्वीट किए गए। OIC के महासचिव ने इसे अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन तक बता डाला। इसके बाद भारत ने भी इस्लामिक देशों के संगठन को फटकार लगाते हुए कहा कि ओआईसी को किसी एक देश की शह पर सांप्रदायिक अजेंडा नहीं चलाना चाहिए। भारत का इशारा पाकिस्तान की तरफ था।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि ‘हमें यह देखकर निराशा हुई है कि ओआईसी सचिवालय ने एक बार फिर भारत के अंदरूनी मामले में गैर-जरूरी बयान दिया है।’ विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ‘बीते समय की तरह इस बार भी भारत सरकार केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर जो कि भारत का आंतरिक एवं अभिन्न हिस्से है, के बारे में ओआईसी के बयान को स्पष्ट रूप से खारिज करती है।’
बता दें कि इस महीने की शुरुआत में परिसीमन आयोग ने अपनी अंतिम रिपोर्ट सरकार को सौंप दी। यह रिपोर्ट नोटिफाइ भी हो गई है। परिसीमन में जम्मू एवं कश्मीर की लोकसभा एवं विधानसभा सीटों की संख्या में वृद्धि हुई है। चुनाव आयोग के मुताबिक अब जम्मू-कश्मीर में विधानसभा की 90 सीटें होंगी। वहीं 18 विधानसभा सीटों को मिलाकर एक लोकसभा सीट होगी। यानी कुल 5 लोकसभा सीटें होंगी।
कश्मीर के लोगों के साथ एकजुटता जाहिर की
अपने बयान में ओआईसी ने कहा कि जम्मू कश्मीर के चुनावी सीमा को दोबारा खींचने के भारत के प्रयासों पर गंभीर चिंता प्रकट करता है। ओआईसी ने आरोप लगाया कि भारत ने ऐसा करते हुए कश्मीरी लोगों के अधिकारों का उल्लंघन किया है। बयान में ओआईसी ने जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ अपनी एकजुटता जाहिर की। जम्मू-कश्मीर पर ओआईसी का यह पहला बयान नहीं है, वह पहले भी इस तरह का बयान देता रहा है।
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