औरंगाबाद। अपने विवादित बयानों को लेकर हमेशा चर्चा में रहने वाले AIMIM नेता अकबरुद्दीन ओवैसी एक बार फिर राजनीतिक दलों के निशाने पर हैं। बीते गुरुवार को अकबरुद्दीन ओवैसी ने महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले के खुल्दाबाद में स्थित मुगल सम्राट औरंगजेब की कब्र पर चादर और फूल चढ़ाया, जिसके बाद राजनीतिक दलों ने उन्हें निशाने पर ले लिया।
महाराष्ट्र के पूर्व सीएम व भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि विधायक अकबरुद्दीन ओवैसी ने औरंगजेब का महिमामंडन कर देश के राष्ट्रवादी मुस्लिमों का अपमान किया है। मुगल शासक औरंगजेब कभी देश का आदर्श नहीं हो सकता। उसने संभाजीराजे की हत्या के पहले उन्हें यातनाएं दी थीं। भाजपा नेता फडणवीस ने यह भी कहा कि हम औरंगजेब के महिमामंडन को किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं करेंगे। जो लोग ऐसा करने का प्रयास कर रहे हैं, उन पर कार्रवाई होना चाहिए।
वहीं पूर्व सांसद और शिवसेना नेता चंद्रकांत खैरे ने अकबरुद्दीन पर आरोप लगाया कि वह एक राजनीतिक विवाद पैदा करने की कोशिश कर रहे थे। इसके अलावा उन्होंने कहा कि कोई भी, न हिंदू न मुस्लिम, उस मकबरे पर नहीं जाता क्योंकि औरंगजेब सबसे क्रूर मुगल सम्राट था। लेकिन ओवैसी और उनकी पार्टी के नेता राजनीतिक फायदे के लिए विवाद पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।
इस दौरे पर ओवैसी के साथ एआईएमआईएम नेता और औरंगाबाद के सांसद इम्तियाज जलील भी थे, उन्होंने ओवैसी का बचाव करते हुए कहा कि जो कोई भी खुल्दाबाद में दरगाह शरीफ हजरत बाबा शाह मुसाफिर का दौरा करता है, वह आसपास की सभी दरगाहों पर चादर और फूल चढ़ाता है। उन्होंने कहा कि हमारे नेता हैदराबाद से आए और औरंगाबाद में एक फ्री स्कूल शुरू कर रहे हैं जो किसी विशेष समुदाय के लिए नहीं है, बल्कि यहां सभी बच्चों को मुफ्त शिक्षा मिलेगी। आज उसी की आधारशिला रखी गई। मैं चाहता हूं कि सभी नेता प्रेरित हों।
उधर, महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा कि भाजपा से पूछा है कि भारतीय दंड विधान की किस धारा में यह लिखा है कि मजार पर जाने वाले पर कार्रवाई की जा सकती है? क्या भाजपा ने जिन्ना की मजार पर जाने के कारण वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी पर कार्रवाई की थी? शिवाजी महाराज ने अफजल खान को मारने के बाद उसकी कब्र बनवाई थी, यह महाराष्ट्र की संस्कृति है।
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