श्रीनगर। कश्मीर में बीते 24 घंटे में दो आतंकी हमलों के बाद प्रशासन ने बड़ा फैसला लिया है। टेरर लिंक के आरोपों में तीन सरकारी कर्मचारियों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है।
कश्मीर विश्वविद्यालय के रसायन विज्ञान के प्रोफेसर अल्ताफ हुसैन पंडित उन 3 सरकारी कर्मचारियों में शामिल हैं, जिन्हें जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने सक्रिय रूप से आतंकवाद का समर्थन करने के लिए बर्खास्त कर दिया है। दो अन्य स्कूल शिक्षा विभाग के शिक्षक मोहम्मद मकबूल हाजम और जम्मू कश्मीर पुलिस के सिपाही गुलाम रसूल हैं।
हाल ही पता चला था कि सिस्टम के भीतर से भी कई लोग ऐसे हैं जो आतंकवादियों का समर्थन करते हैं। सरकार के मुताबिक, आतंकवादियों का पता लगाने की कोशिश की जा रही है जो सरकारी सिस्टम में काम करते हैं और पिछली सरकारों में किसी तरह सिस्टम के भीतर घुसने में कामयाब रहे। कश्मीर विश्वविद्यालय के रसायन विज्ञान के प्रोफेसर अल्ताफ हुसैन पंडित जमात-ए-इस्लाम (JeI) से सक्रिय रूप से जुड़ा रहा। वह आतंकी प्रशिक्षण के लिए पाकिस्तान चला गया था। 1993 में किसी समय सुरक्षा बलों द्वारा गिरफ्तारी से पहले वह तीन साल तक जेकेएलएफ का सक्रिय आतंकवादी बना रहा।
कश्मीर घाटी में बीते 24 घंटों में ही दो आतंकवादी हमले हुए हैं, जिनमें से एक में तहसीलदार कार्यालय में काम करने वाले कश्मीरी पंडित राहुल भट्ट की मौत हो गई। इसके अलावा एक स्पेशल पुलिस ऑफिसर की भी हत्या हुई है। राहुल भट्ट के सरेआम दफ्तर में घुसकर मर्डर के बाद से कश्मीरी पंडितों में गुस्सा है। शुक्रवार को सुबह राहुल भट्ट अमर रहे के नारों के साथ मृतक का अंतिम संस्कार किया गया। यही नहीं रात भर इस घटना के खिलाफ आंदोलन जारी रहा और लोग सड़कों पर उतर आए। कश्मीरी पंडित समुदाय के लोगों ने कहा कि उन्हें पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराई जानी चाहिए।
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