नई दिल्ली। देश में गेहूं की बढ़ती कीमत को देखते हुए भारत सरकार ने तत्काल प्रभाव से गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। सरकार ने शुक्रवार देर रात जारी एक अधिसूचना में इसे दुनिया के दूसरे सबसे बड़े गेहूं उत्पादक देश के द्वारा स्थानीय कीमतों पर लगाम लगाने की एक कोशिश कर दिया है।
एक नोटिफिकेशन में सरकार ने कहा कि देश की खाद्य सुरक्षा के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है। साथ ही पड़ोसी देशों और गरीब देशों को सपोर्ट करने के लिए भी ऐसा करना जरूरी था। हालांकि जरूरतमंद देशों को गेहूं का निर्यात जारी रहेगा। फरवरी के अंत में रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण करने के बाद से काला सागर क्षेत्र से निर्यात गिरने के बाद वैश्विक खरीदार गेहूं की आपूर्ति के लिए भारत पहुंच रहे थे। रूस और यूक्रेन के बीच चल रही लड़ाई के कारण पूरी दुनिया में गेहूं की कीमत में काफी तेजी आई है। भारत में भी गेहूं की कीमत तेजी से बढ़ी है।
इससे पहले केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने 15 अप्रैलको एक ट्वीट में कहा था कि भारतीय किसान दुनिया के पेट भर रहे हैं। मिस्र ने भारत से गेहूं के इम्पोर्ट को मंजूरी दी है। दुनिया में बढ़ती मांग को देखते हुए वित्त वर्ष 2022-23 में गेहूं का निर्यात 100 लाख (10 मिलियन) टन पार कर जाएगा।
अब देश में हालात बदल गए हैं। एमएसपी से अधिक कीमत में गेहूं की खरीद और पैदावार में कमी के कारण सरकारी खरीद प्रभावित हुई है। सरकार ने अब गेहूं के निर्यात पर पाबंदी लगा दी है। आपको बता दें कि इन दिनों बाजार में गेहूं न्यूनतम समर्थन मूल्य से अधिक कीमत पर बिक रहा है।
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