श्रीनगर। कश्मीरी पंडित राहुल भट्ट का पार्थिव शरीर शुक्रवार को पंचतत्व में विलीन हो गया। उनकी अंतिम यात्रा में भारी संख्या में लोग शामिल हुए। इस दौरान लोगों ने ‘राहुल भट अमर रहें’, ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’ और ‘बीजेपी हाय-हाय’ के नारे लगाए। अंतिम यात्रा में शामिल लोगों ने पूछा कि राहुल की छोटी बच्ची और उसकी पत्नी का क्या कसूर था कि एक से उसका पिता और दूसरे से उसका पति छीन लिया गया। लोग पूछ रहे हैं कि क्या हिंदू होना गुनाह है?
मृतक राहुल भट के भाई सनी ने भाई की चिता को मुखाग्नि दी। इस दौरान कश्मीरी पंडित समुदाय के सदस्यों ने बर्बर हत्या पर अपना गुस्सा व्यक्त किया और घाटी में रहने वाले कश्मीरी पंडितों के लिए सुरक्षा की मांग की। उन्होंने कहा, ‘कश्मीरी पंडितों को एक जगह फुलप्रूफ सुरक्षा मुहैया कराई जानी चाहिए और कश्मीर के आसपास के इलाकों में नौकरी दी जानी चाहिए। राहुल की हत्या उन लोगों द्वारा की गई जो गजवा-ए-हिंद को बढ़ावा देना और इसे स्थापित करना चाहते हैं। इसे एक बार में और हमेशा के लिए खत्म करना होगा।”
राहुल भट की पत्नी मीनाक्षी भट ने कहा कि कश्मीर में पंडित बलि का बकरा बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि 2010 से जो कश्मीरी पंडित नौकरियों के लिए गए हैं, वे आतंकियों के टारगेट पर हैं। उन्होंने कहा कि डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर से कई बार गुहार लगाई गई थी कि उनका ट्रांसफर कर दिया जाए, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। इसी के चलते उनकी आतंकियों ने जान ले ली। यदि उनका ट्रांसफर हो जाता तो फिर उनकी हत्या नहीं होती।
स्थानीय राकेश भट ने कहा कि पंडितों को वापस कश्मीर नहीं भेजा जाना चाहिए बल्कि उन्हें जम्मू में सुरक्षित शिविरों में रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा, “राहुल की हत्या कानून का पालन करने वाले एक असहाय नागरिक की एक और चुनिंदा हत्या है। इसने घाटी के अन्य पंडित कर्मचारियों में भय पैदा कर दिया है, जो अब वहां सुरक्षित महसूस नहीं करते हैं।”
बता दें कि बड़गाम जिले में आतंकियों ने गुरुवार को कश्मीरी पंडित राहुल भट्ट की गोली मारकर हत्या कर दी। तहसीलदार कार्यालय में काम करने वाले राहुल को उस समय गोली मार दी गई जब वह चदूरा इलाके में अपने कार्यालय में काम कर रहे थे। राहुल तहसीलदार कार्यालय में क्लर्क के पद पर कार्यरत थे। आतंकवादियों ने चदूरा में तहसील कार्यालय में घुसकर राहुल भट्ट को गोली मारी।
Discussion about this post