लखनऊ। राज्यसभा में यूपी की 11 सीटों के लिए 10 जून को चुनाव होगा। इन सदस्यों का कार्यकाल 4 जुलाई को समाप्त हो रहा है। इस चुनाव में सबसे ज्यादा नुकसान कांग्रेस और बीएसपी को होगा। इन दोनों ही दलों का हाल में संपन्न विधानसभा चुनाव में प्रदर्शन बहुत खराब रहा था।
उत्तर प्रदेश की 403 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के 273 विधायक हैं जबकि सपा गठबंधन के पास कुल 125 सदस्य हैं। एक राज्यसभा सदस्य को जिताने के लिए कम से कम 34 सदस्यों का समर्थन मिलना जरूरी है। उस हिसाब से देखें तो भाजपा 11 में से आठ सीटें आसानी से जीतने की स्थिति में है जबकि सपा गठबंधन भी तीन सीटें आसानी से जीत सकता है।
जिन सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है उनमें भाजपा के जफर इस्लाम, शिव प्रताप शुक्ला, संजय सेठ, सुरेंद्र नागर और जयप्रकाश निषाद शामिल हैं। इसके अलावा, समाजवादी पार्टी (सपा) के सुखराम सिंह यादव, रेवती रमण सिंह और विशंभर प्रसाद निषाद, बसपा के सतीश चंद्र मिश्रा और अशोक सिद्धार्थ तथा कांग्रेस के कपिल सिब्बल शामिल हैं। कांग्रेस और बसपा विधानसभा में अत्यंत अल्पमत में होने के कारण राज्यसभा चुनाव में दोनों ही दल एक भी सीट जीतने की स्थिति में नहीं है।
राजस्थान में 4 और पंजाब में 2 सीटों पर चुनाव
उत्तर प्रदेश की 11 सीटों के अलावा पंजाब की 2 और राजस्थान की 4 राज्यसभा सीटों पर भी चुनाव होने वाला है। पंजाब से कांग्रेस की राज्यसभा सदस्य अंबिका सोनी और अकाली दल के नेता और बलविंदर सिंह भूंदड़ का कार्यकाल चार जुलाई 2022 को खत्म हो रहा है। गौरतलब है कि पूर्व क्रिकेटर हरभजन सिंह समेत आम आदमी पार्टी के पांच उम्मीदवार मार्च में पंजाब से राज्यसभा के लिये निर्विरोध चुने जा चुके हैं।
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