गाजियाबाद: तीन वर्ष में बदली ग्रीन बेल्ट की सूरत

गाजियाबाद। कहते हैं यदि इच्छा शक्ति हो और कार्य करने का जज़्बा हो तो कुछ भी असंभव नहीं। यह कर दिखाया है वैशाली वसुंधरा के स्थानीय निवासियों के एक छोटे से ग्रुप स्वच्छ वैशाली वसुंधरा के सदस्यों ने। नियमित रूप से मेहनत कर नहर किनारे स्थित हरित पट्टी के एक बड़े हिस्से को नया जीवनदान मिल गया है।

सितम्बर 2019 से इस प्रोजेक्ट पर कार्य करते हुए टीम के सदस्य नंद नेगी ने बताया की नहर किनारे प्लाट संख्या 210 के पास सिंचाई विभाग की हरित पट्टी के बदहाल हालत के चलते सोसाइटी के निवासी परेशान थे। देखरेख के अभाव में हरित पट्टी में नियमित रूप से सोसाइटी और आसपास से नियमित रूप से कूड़े, प्लास्टिक, बिल्डिंग मटेरियल और बचे हुए खाने का निस्तारण किया जा रहा था। पास के खुले नाले की दुर्गन्ध, गंदगी और गैस से सोसाइटी में पूरे समय बदबू आती रहती थी। कई बार प्रशासनिक स्तर पर इसे संज्ञान में लाने के बाद भी इस पर कोई सार्थक प्रयास ना होता देख स्वंय लोगों ने इसके जीर्णोद्धार का बीड़ा उठाया और आज नियमित रूप से कार्य करते हुए इसकी दशा पलट दी।

पिछले तीन वर्षों से कार्य करते हुए टीम के सदस्यों द्वारा अब तक कई ट्रैक्टर बिल्डिंग मटेरियल, प्लास्टिक, कूड़े और अन्य सामग्री का निस्तारण कर यहां 700 से अधिक पेड़ पौधे लगाये गए हैँ जिनकी नियमित रूप से देखभाल की जाती है। नियमित रूप से सदस्य रोजाना 2 घंटे श्रमदान करते हैँ।

टीम द्वारा हरित पट्टी में लोगों के टहलने के लिए जॉगिंग ट्रैक भी बनाया गया है। साथ ही एलोवेरा गार्डन, नवग्रह वाटिका, और तुलसी के 100 पौधे भी लगाये गए हैं। फल और ऑक्सीजन देने वाले पेड़ जैसे आम, पपीता, नीम, बेलपत्र, पीपल, जामुन इनमें प्रमुख हैँ। टीम नियमित रूप से लोगों को सफाई और वृक्षरोपण का संदेश देती है तथा पर्यावरण संरक्षण के लिए कृत संकल्प है। टीम में तीस के आसपास सदस्य हैं।

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