गाजियाबाद। साहिबाबाद थाना क्षेत्र की डीएलएफ कालोनी में नवविवाहिता के हत्याकांड का पुलिस ने सनसनीखेज खुलासा किया है। कातिल उसकी मुंह बोली मौसी निकली। मौसी और पति के बीच अवैध संबंध थे। खुद को बचाने की कोशिश में वारदात को लूट के बाद हत्या का रूप देने के लिए वह घर से गहने और नकदी ले गई थी। पुलिस का कहना है आरोपित पति को दहेज हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। वह हत्यारोपित मौसी के साथ मिलकर अपनी पत्नी को दहेज के लिए प्रताड़ित करता था।
डीएलएफ कालोनी के दिलशाद एक्सटेंशन के एक फ्लैट में रहने वाली संतोषी देवी की 5 मई को हत्या कर दी गई थी। उसकी लाश बाथरूम में मिली थी। गले से तार लिपटा हुआ था। अलमारी का लॉक टूटा था और उसके कैश-ज्वैलरी गायब थी। संतोषी देवी के पति और सास ने फ्लैट के ऊपर काम कर रहे मजदूरों पर लूट के बाद हत्या करने का शक जताया था। चूंकि अलमारी टूटी हुई थी, इसलिए हर कोई लूट के बाद हत्या की आशंका जता रहा था।
एसपी सिटी सेकेंड ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि संतोष और शांति के बीच 12 साल से प्रेम संबंध थे। 2009 में दिल्ली के पटपड़गंज में फैक्टरी में काम करने के दौरान दोनों में मुलाकात हुई थी। पति की मौत के बाद शांति को जब सुख नहीं मिला तो उसने संतोष को अपने कब्जे में कर लिया और दोनों के बीच संबंध बन गए। इसके बाद से दोनों डीएलएफ के फ्लैट में साथ ही रहते थे लेकिन इस रिश्ते को लोगों के सामने जाहिर नहीं करते थे। संतोष ने शीला को अपनी मुंहबोली मौसी बता रखा था।
12 साल तक रहे संबंधों के बाद शांति आराम की जिदगी जीना चाहती थी। इसके चलते मार्च 2022 में शांति ने ही संतोष की शादी संतोषी से करा दी। शांति की मंशा थी कि शादी के बाद वह संतोषी को घरेलू सहायिका की तरह रखेगी और खुद संतोष के साथ मालकिन बनकर संबंधों में रहेगी। इसके चलते ही उसने अपने समाज की युवती संतोषी को चुना और ज्वालापुर हरिद्वार जाकर शादी कराई। शादी में मनमाफिक दहेज नहीं मिला तो 10 दिन बाद से ही पति और मौसी ने संतोषी को दहेज के लिए प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। इसके पीछे शांति का मकसद सिर्फ संतोषी को मानसिक तनाव में रखकर अपना मतलब सीधा करना था, जिससे पति के संबंधों पर वह ज्यादा ध्यान न दे सके। बावजूद इसके संतोषी को दोनों के संबंधों की जानकारी हो गई थी और वह विरोध करने लगी थी।
पांच मई की सुबह संतोष के ड्यूटी पर पटपड़गंज की फैक्टरी चले जाने के बाद शांति और संतोषी में झगड़ा हुआ। शांति ने पुलिस पूछताछ में बताया कि उसने संतोषी से कहा कि वह संतोष का ध्यान नहीं रखती है। वह कई बार भूखा ही काम पर चला जाता है। इस पर पहले कहासुनी और फिर झगड़ा हो गया। इसके बाद गुस्से में संतोषी ने जहरीला पदार्थ खा लिया। उसके मुंह से झाग आने लगे। पद्मावती दूसरे कमरे में थी। शांति ने बताया कि वह संतोषी को घसीटकर बाथरूम में ले गई। उसे डर था कि अगर पुलिस आई तो राज खुल जाएगा, इसलिए तार से उसका गला घोंट दिया।
छेनी से तोड़ी थी अलमारी
संतोषी की मौत के बाद शांति ने छेनी से अलमारी तोड़ी और उसमें से 50 हजार नकदी और गहने निकाले। वह इन्हें ले गई। इससे पहले घर का सामान बिखेर दिया ताकि पुलिस आए तो मामला लूट के बाद हत्या का लगे। पद्मावती बालकनी में थी। उसे वहीं पर बंद कर दिया था।
वहीं मृतका का पति संतोष रात आठ बजे ड्यूटी से लौटा तो उसको संतोषी बाथरूम में मरी पड़ी मिली। उसको भी यही लगा कि लूट के बाद हत्या की गई है। पूछताछ में उसने शांति के बारे में पुलिस को नहीं बताया। कई बार पुलिस से कहा कि हत्या में मजदूरों का हाथ हो सकता है। पास में ही निर्माण कार्य चल रहा था। वहां कई मजदूर काम कर रहे थे लेकिन आसपास लगे कैमरों की रिकार्डिंग में मजदूर संतोष के घर की तरफ जाते नहीं दिखे।
डायरी ने किया पर्दाफाश
पुलिस को घटना वाले दिन मौके से संतोषी की एक डायरी मिली थी। डायरी में संतोषी प्रतिदिन अपने बारे में लिखती थी। डायरी में संतोषी ने पति व मौसी के जुल्मों की दास्तां व दहेज प्रताड़ना का जिक्र किया। इसके बाद ही पुलिस को आरोपितों पर शक हुआ और पुलिस ने इनसे कड़ी पूछताछ की तो मामले का पर्दाफाश हो गया। पुलिस ने संतोष को भी गिरफ्तार कर लिया है। उस पर दहेज के लिए संतोषी के उत्पीड़न का आरोप है। हालांकि, हत्या में उसकी भूमिका नहीं मिली।
Discussion about this post