दिल्ली। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने अश्लील वीडियो बनाकर उगाही करने वाले रैकेट का पर्दाफाश कर छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है। दिल्ली पुलिस ने सभी आरोपियों पर 20-20 हजार रुपये का इनाम रखा हुआ था। इस गिरोह का सरगना नासिर पहले ही गिरफ्तार हो चुका है।
अपराध शाखा डीसीपी रोहित मीणा के अनुसार पूर्वी दिल्ली निवासी 62 वर्षीय बुजुर्ग ने अपराध शाखा को जबरन वसूली की शिकायत दी थी। पीड़ित ने बताया कि बीते दिनों फेसबुक के जरिए उनकी किसी लड़की से दोस्ती हुई थी। वह लड़की से चैट करने लगे। दरअसल यह फर्जी एकाउंट था। बदमाशों ने लड़की के नाम पर बुजुर्ग की अश्लील वीडियो बना ली थी। इसके बाद उनको ब्लैकमेल करने लगे।
आरोपियों ने खुद को यू-ट्यूब का अधिकारी बताकर लड़की के शोषण करने का आरोप लगाया। इसके बाद आरोपियों ने बुजर्ग से मोटी रकम मांगी। रुपये न देने पर अश्लील वीडियो वायरल करने की धमकी देने लगे। डर से बुजुर्ग ने चार लाख रुपये आरोपियों को दे दिए।
पीड़ित की शिकायत पर मामला दर्जकर एसीपी अरविंद कुमार की देखरेख में इंस्पेक्टर मंगेश त्यागी, एसआई रोबिन त्यागी व हवलदार संजीव कुमार की टीम ने जांच शुरू की। एसआई रोबिन त्यागी को चार मई को सूचना मिली कि इस केस में वांछित दो बदमाश मेवात निवासी आरिफ व अरशद पुंहाना क्रॉसिंग, होटल हरियाणा में आएंगे। पुलिस टीम ने यहां घेराबंदी कर गांव भूटका, तहसील नगर, भरतपुर राजस्थान निवासी आरिफ(35), गांव मुनडिया तहसील नगर, भरतपुर राजस्थान निवासी अरशद(31) और गांव इश्नाका तहसील नगर, भरतपुर राजस्थान निवासी फरीद (30) को गिरफ्तार कर लिया।
सभी को दिल्ली लाया गया। इनसे पूछताछ के बाद गांव इश्नाका नगर, भरतपुर, राजस्थान निवासी आस मोहम्मद(60), शाकिर(22) और मुफीद(28) को पटौद, नगर राजस्थान से गिरफ्तार कर लिया। सभी आरोपियों पर 20-20 हजार रुपये का इनाम रखा हुआ था।
टेक्निकल सर्विलांस की जांच से पता चला है कि आरोपी 100 से अधिक मोबाइल और फर्जी पत्तों पर लिए गए 1000 से अधिक सिमकार्ड का इस्तेमाल करते थे। सभी नंबर उत्तर-पूर्वी राज्यों, बिहार, राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा और दूसरी जगहों से जारी किए गए नंबर हैं।
पुलिस को जांच के दौरान पता चला है कि ठगी व जबरन उगाही का सारा गोरखधंधा भरतपुर व आसपास के इलाकों से चल रहा था। पुलिस इस गिरोह के सरगना नासिर को नगर, भरतपुर, राजस्थान से पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।
ऐसे दिया जाता था ठगी की वारदात को अंजाम
आरोपियों ने पूछताछ में खुलासा किया है कि नगर, भरतपुर, राजस्थान से काफी लोग ठगी व ऑनलाइन फ्रॉड में लगे हुए हैं। नासिर ने अपने पिता भाई के साथ इस गिरोह को बनाया था। आरोपी लड़की के नाम पर फर्जी फेसबुक एकाउंट बनाकर फेसबुक, व्हाट्सएप या दूसरी सोशल मीडिया प्लेटफार्म से लोगों के पास फ्रेंडशिप रिक्वेस्ट भेजते थे। इन फर्जी अकाउंट पर किसी सुंदर सी लड़की का फोटो लगा दिया जाता था। लोग लड़की का फोटो देखकर उनके जाल में फंस जाते थे।
नासिर लड़की बनकर खुद ही चैट करता था। बातचीत के दौरान यह एक अन्य मोबाइल से लड़की का अश्लील वीडियो चलाकर सामने वाले को कपड़े उतारने के लिए उकसाते थे। पीड़ित जैसे ही कपड़े उतारकर अश्लील हरकत करता था, यह वीडियो बना लेते थे। चैट खत्म होने के 10 से 15 मिनट के बाद पीड़ित के मोबाइल पर कॉल कर ये लोग खुद को को यू-ट्यूब के अधिकारी, अपराध शाखा, साइबर सेल व दूसरी एजेंसी का बताकर उगाही करते थे।
गिरोह के सदस्य कॉरपोरेट कल्चर काम करते थे
आरिफ फर्जी बैंक खातों का इंतजाम करता था। वह एटीएम से पैसे को निकालता था। इसके बाद वह आरोपियों को पैसे को दे देता था। अरशद भी फर्जी बैंक खातों का इंतजाम करता था। अपराध करने में प्रयुक्त एक बैंक खाता उसके द्वारा उपलब्ध कराया गया था। फरीद खुद को यू-ट्यूब, अधिकारी, साइबर अपराध अधिकारी और अपराध शाखा के अधिकारी के रूप में प्रस्तुत करता था। वह बेगुनाहों को झूठे मुकदमों में फंसाने और उनका वीडियो वायरल करने की धमकी देता था।
आस मोहम्मद उर्फ आशु खान अपराध में इस्तेमाल होने वाले मोबाइल फोन की व्यवस्था करता था। उसने अपने बेटों नासिर और शाकिर के साथ जबरन वसूली का पैसा साझा किया। शाकिर फेसबुक आईडी हैक करने में माहिर है। मुफीद गिरोह के अन्य सदस्यों को असम व ओडिसा आदि के फर्जी आईडी सिम कार्ड उपलब्ध कराता था।
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