मुंबई। मशहूर गायिका अनुराधा पौडवाल ने अजान के लिए लाउडस्पीकरों के इस्तेमाल पर रोक लगाने की मांग की है। हजारों सुरीले गीतों को आवाज दे चुकीं अनुराधा पौडवाल ने कहा कि भारत में इसकी जरूरत नहीं है।
एक इन्टरव्यू में अनुराधा पौडवाल ने कहा, ‘मैं दुनिया में बहुत सी जगहों पर गई हूं। मैंने ऐसा कहीं भी नहीं देखा है, जैसा कि भारत में होता है। मैं किसी भी मजहब के खिलाफ नहीं हूं, लेकिन भारत में इसे जबरन प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके चलते अन्य समुदाय यह सवाल उठाते हैं कि यदि वे लाउडस्पीकर का इस्तेमाल कर सकते हैं तो फिर हम क्यों नहीं।’
उन्होंने कहा कि हमारे जितने भी जगराते हुए, वह बंद हुए। यह हमारी संस्कृति थी न, लेकिन इसे बंद किया गया, क्योंकि 10 बजे के बाद लोगों को तकलीफ होती है। यहां पर मुद्दा यह नहीं कि कौन सा मजहब है। यहां तकलीफ लाउडस्पीकर है। अगर ये लोग बजाते हैं तो हम क्यों न बजाएं, ऐसे तो दुनिया एक मेला बन जाएगी। हर कोई भेड़चाल में चलने लगेगा।
अनुराधा पौडवाल ने कहा, ‘मैं मध्य पूर्व के देशों की यात्रा कर चुकी हूं। वहां लाउडस्पीकरों के इस्तेमाल पर बैन है। जब मुस्लिम देश भी इसे प्रोत्साहित नहीं कर रही हैं तो फिर भारत में इसकी क्या जरूरत है?’ उन्होंने कहा कि यदि यह प्रैक्टिस जारी रही तो फिर दूसरे लोग लाउडस्पीकर पर ही हनुमान चालीसा चलाने लगेंगे। इससे समाज में सद्भाव समाप्त होगा, जो अच्छी बात नहीं है।
अनुराधा ने कहा कि भारत में युवा पीढ़ी को देश की संस्कृति के बारे में पढ़ाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह बुजुर्गों की जिम्मेदारी है कि वे युवा पीढ़ी को भारत के इतिहास और संस्कृति के बारे में बताएं। उन्होंने कहा कि हम सभी को अपनी संस्कृति और धर्म के बारे में जानकारी होनी चाहिए। हमें अपने 4 वेदों, 18 पुराणों और 4 मठों के बारे में जानकारी होनी चाहिए। हमें इन बेसिक्स के बारे में पता होना ही चाहिए।
हालाँकि यह पहला मौका नहीं है, जब किसी सिलेब्रिटी ने लाउडस्पीकरों के इस्तेमाल को लेकर आपत्ति जाहिर की है। अनुराधा पौडवाल से पहले 2017 में गायक सोनू निगम भी इस पर बयान दे चुके हैं। हालांकि अपने ट्वीट को लेकर सोनू निगम को ट्रोल होना पड़ा था और आखिर में उन्होंने अपना ट्वीट ही डिलीट कर लिया था।
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