दिल्ली। दिल्ली की निचली अदालत ने फरवरी 2020 को दिल्ली में हुए दंगों के मामले में आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन समेत 6 लोगों के खिलाफ आपराधिक साजिश रचने और दंगा भड़काने जैसी धाराओं में आरोप तय किए हैं। ताहिर हुसैन समेत बाकी आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करते हुए कोर्ट ने कहा कि शुरूआती जांच में पता चलता है कि ताहिर हुसैन ना सिर्फ दंगा भड़काने की साजिश में शामिल थे बल्कि दंगा करवाने में भी उनकी अहम भूमिका थी।
अदालत ने आदेश में कहा कि प्रथम दृष्टया यह जाहिर होता है कि दंगों से जुड़ी संबंधित घटना को एक सुनियोजित साजिश और व्यापक इंतजामों के साथ तैयार योजना के तहत अंजाम दिया गया। ताहिर के बचाव में उसके वकील की ओर से दी गई सभी दलीलों को अदालत ने मानने से इनकार कर दिया। दो गवाहों के नामों का जिक्र करते हुए अदालत ने कहा कि उन्होंने अपने बयान में साफतौर पर कहा कि आरोपी ताहिर हुसैन मुस्लिम दंगाइयों की अगुवाई कर रहा था और उन्हें ‘काफिरों’ को सबक सिखाने के लिए उकसा रहा था।
कोर्ट ने कहा कि उसके उकसावे पर दंगाई और भी हिंसक हो गए और पत्थर फेंकने लगे। कुछ दंगाई ताहिर के घर की छत से पत्थर, पेट्रोल बम आदि फेंक रहे थे। इसलिए साफ है कि आरोपी ताहिर न केवल एक साजिशकर्ता था, बल्कि एक सक्रिय दंगाई भी था।
पुलिस ने इस मामले में दर्ज चार्जशीट में कहा है कि 2020 में दंगों के दौरान खजूरी स्थित आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन के घर से पत्थर और बाकी हथियार होने के सबूत है। पुलिस ने चार्जशीट में कहा है कि ताहिर हुसैन दूसरे समुदाय के लोगों पर हमला करने और दंगा भड़काने में शामिल थे। केस के मुताबिक, आरोपी ताहिर और अनस, फिरोज, जावेद, गुलफाम, शोएब आलम ने साजिश रची। जिसका मकसद खजूरी खास इलाके में दंगा भड़काकर हिंदू समुदाय के लोगों और उनकी संपत्तियों को निशाना बनाना था। केस के मुताबिक, साजिश के तहत, 25 फरवरी 2020 को ताहिर हुसैन की अगुवाई में गैरकानूनी रूप से एक गुट बना और उसने शिकायतकर्ता करण की कंपनी के गोदाम में तोड़फोड़ के बाद आग लगा दी। यह गोदाम करावल नगर रोड, चांद बाग के खजूरी खास इलाके में स्थित था।
इन सभी के खिलाफ आईपीसी की धारा 109/114/147/148/149/427/454/395/435/436/153/505/120बी और 34 के आरोपों में केस दर्ज किया गया था। मामले में अभियोजन का प्रतिनिधित्व विशेष सरकारी अधिवक्ता अमित प्रसाद ने किया। अडिशनल सेशन जज वीरेंद्र भट ने इन सभी आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 147/148/427 435/436/395 r/w 149 के साथ 120बी के तहत साजिश के आरोप तय किए। ताहिर के खिलाफ धारा 109 और 114 के तहत अपराध के अतिरिक्त आरोप भी तय किए गए हैं।
2017 में पार्षद बना था ताहिर हुसैन
ताहिर हुसैन 2017 के MCD चुनाव में आम आदमी पार्टी के टिकट पर जीता था लेकिन फरवरी 2020 में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में हुए सांप्रदायिक दंगों के मामले में ताहिर हुसैन का नाम बतौर साजिशकर्ता और आरोपी आया। इसके बाद आम आदमी पार्टी ने ताहिर हुसैन को पार्टी से निष्कासित कर दिया था। पूर्वी दिल्ली नगर निगम ने 20 अगस्त 2020 को ताहिर की सदस्यता खत्म कर दी थी।
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