वाराणसी। वाराणसी में श्रीकाशी विश्वनाथ धाम-ज्ञानवापी मस्जिद में वीडियोग्राफी और सर्वे एक घंटे से चल रहा है। एडवोकेट कमिश्नर अजय कुमार मिश्र और वादी पक्ष के 18 लोग और प्रतिवादी पक्ष ज्ञानवापी पहुंचे हैं। इससे पहले टीम जब पहुंची तो कुछ मुस्लिम युवकों ने भी अल्लाह-हू-अकबर के नारे लगाए। कुछ देर के लिए माहौल तनावपूर्ण हो गया। दुकानें भी बंद हो गईं। फिलहाल सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम हैं।
वाराणसी में श्रीकाशी विश्वनाथ धाम-ज्ञानवापी स्थित श्रृंगार गौरी और अन्य देव विग्रहों की वीडियोग्राफी और सर्वे से पहले हंगामा शुरू हो गया है। जुमे की नमाज के लिए अन्य दिनों की तुलना में अधिक लोग पहुंचे। नमाज के बाद कुछ शरारती तत्वों ने धार्मिक नारेबाजी कर माहौल बिगाड़ने का प्रयास किया। पुलिस और मुस्लिम समाज के संभ्रांत लोगों ने शरारती तत्वों को दूर भगाया।
अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के सचिव ने एसएस यासीन पहले ही इस कार्यवाही का विरोध करने का एलान किया था। उन्होंने कहा था कि ज्ञानवापी परिसर में वीडियोग्राफी और सर्वेक्षण के लिए किसी को घुसने नहीं देंगे। हालांकि इंतजामिया कमेटी के वकीलों ने कहा कि कानून की बात मानेंगे पर कुछ अलग होगा तो शिकायत करेंगे। मामले को लेकर जिला प्रशासन और पुलिस अलर्ट है।
यह है मामला
दिल्ली की राखी सिंह, लक्ष्मी देवी, सीता साहू, मंजू व्यास व रेखा पाठक की ओर से 18 अगस्त 2021 को सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की अदालत में वाद दाखिल किया गया था। वाद में कहा गया है कि भक्तों को मां शृंगार गौरी के दैनिक दर्शन-पूजन एवं अन्य अनुष्ठान करने की अनुमति देने के साथ ही परिसर में स्थित अन्य देवी-देवताओं के विग्रहों को सुरक्षित रखा जाए। वाद में प्रदेश सरकार के अलावा जिलाधिकारी, पुलिस आयुक्त, अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी और काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट को पक्षकार बनाया गया है। इस वाद पर मौके की वस्तुस्थिति जानने के लिए सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने कमीशन कार्यवाही का आदेश दिया है।
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