वाराणसी। यूपी में वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद और श्रृंगार गौरी मंदिर विवाद में आज सर्वे किया जाएगा। इसे लेकर डीसीपी सुरक्षा ने बैठक कर सुरक्षा पर विस्तृत चर्चा की। हिंदू पक्ष का दावा है कि मस्जिद जहां बनाई गई है, वहां पहले मंदिर था, जिसके प्रमाण अभी भी मौजूद है।
सिविल जज सीडी रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने वादिनी राखी सिंह व पांच अन्य के मामले में ज्ञानवापी परिसर स्थित शृंगार गौरी व अन्य देव विग्रहों के वीडियोग्राफी और सर्वे के लिए अजय कुमार मिश्र एडवोकेट को सर्वे कमिश्नर नियुक्त कर 10 मई को रिपोर्ट मांगी है। कोर्ट का आदेश है कि दोनों पक्षों की मौजूदगी में सर्वे और वीडियोग्राफी हो।
दरअसल कोर्ट में पांच महिलाओं रेखा पाठक, सीता साहू, लक्ष्मी देवी और मंजू व्यास और राखी सिंह ने एक याचिका दायर की थी। पाचों याचिकाकर्ता महिलाओं ने कोर्ट से ऋंगार गौरी मंदिर में रोज़ाना पूजा अर्चना की अनुमति दिए जाने की अपील की थी। कोर्ट से इजाजत की जरूरत इसलिए पड़ी क्योंकि श्रृंगार गौरी का मंदिर ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में मौजूद है और मस्जिद की दीवार से सटा हुआ है।
पिछले साल 18 अगस्त को कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। 26 अप्रैल को वाराणसी सिविल कोर्ट का आदेश आया। आदेश में एक कमीशन नियुक्त किया गया और इस कमीशन को 6 और 7 मई को दोनों पक्षों की मौजूदगी में श्रृंगार गौरी की वीडियोग्राफी के आदेश दिए गए और 10 मई तक अदालत ने इसे लेकर पूरी जानकारी मांगी है।
वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर हिंदू पक्ष की दलील है कि मंदिर तोड़कर ही मस्जिद बनाई गई है, इसलिए उन्हें श्रृंगार गौरी मंदिर में पूजा का हक मिलना चाहिए। वहीं ज्ञानवापी मस्जिद प्रबंधन कमेटी कोर्ट के आदेश के खिलाफ खड़ी है। अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी के सचिव एसएस यासीन का कहना है कि वीडियोग्राफी और सर्वेक्षण के लिए किसी को मस्जिद के अंदर घुसने नहीं देंगे। यह देश संविधान ओर कानून के अनुसार चलेगा।
Discussion about this post