लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने एक और बड़ा फैसला लिया है। गांव और किसानों को अपनी प्राथमिकता बताने वाली सरकार ने प्रदेश के सभी गांवों को स्मार्ट गांव के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है।
भाजपा ने विधानसभा चुनाव में वादा किया था कि प्रदेश के सभी गांवों को इंटरनेट कनेक्टिविटी दी जाएगी। यह संकल्प अगले पांच वर्ष के लिए था, लेकिन खास बात है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चाहते हैं कि लोक कल्याण संकल्प पत्र के अधिकांश संकल्पों को 2024 में होने जा रहे लोकसभा चुनाव के पहले ही पूरा कर दिया जाए।
पंचायती राज विभाग की ओर से आदेश जारी कर दिए गए हैं कि सभी ग्राम पंचायतों में जो ग्राम सचिवालय बनाए जा रहे हैं, उन्हें हाईस्पीड इंटरनेट कनेक्टिविटी दी जाएगी। साथ ही उसके पचास मीटर के दायरे में ग्रामीणों को मुफ्त वाई-फाई की सुविधा भी दी जाएगी।
ऐसे में ग्रामीण क्षेत्र के लिए सरकार का महत्वपूर्ण निर्णय है कि गांवों को इंटरनेट सुविधा देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इस संबंध में पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की ओर से गुरुवार को आदेश जारी कर दिया गया।
इसमें कहा गया है कि प्रदेश की 58,189 ग्राम पंचायतों में ग्राम सचिवालय की स्थापना की जा रही है। उद्देश्य यह है कि गांव की जनता को विभिन्न विभागों से संबंधित दस्तावेज, अभिलेख और कागजात ग्राम सचिवालय में पंचायत सहायक या कामन सर्विस सेंटर के माध्यम से मिल जाएं।
ग्राम पंचायतों में निवासरत जनता की क्षमता का पूर्ण विकास और नई आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए भरोसेमंद इंटरनेट कनेक्टिविटी आवश्यक है। स्मार्ट गांव की परिकल्पना में शासन ने निर्णय लिया है कि ग्राम सचिवालय कार्यालयों को हाईस्पीड इंटरनेट कनेक्टिविटी उपलब्ध कराई जाए। साथ ही ग्राम सचिवालय भवन के 50 मीटर दायरे में ग्रामीणों को मुफ्त वाई-फाई की सुविधा दी जाएगी।
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