मुंबई। फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ पिछले महीने सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी, लेकिन इसकी चर्चा अब तक हो रही है। एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने एक बार फिर द कश्मीर फाइल्स फिल्म को लेकर बयान दिया है। शरद पवार के बयान पर फिल्ममेकर और कश्मीरी पंडित अशोक पंडित ने भी पलटवार किया है।
शरद पवार ने कहा कि “कश्मीर फाइल्स नाम की फिल्म धार्मिक नफरत भड़काने के लिए दिखाई गई। 1990 के दशक की शुरुआत में जब जम्मू-कश्मीर में उग्रवाद तेज तब वीपी सिंह प्रधानमंत्री थे और उनकी सरकार को भाजपा का समर्थन प्राप्त था, लेकिन यह तथ्य छिपाया गया।”
इस पर फिल्ममेकर अशोक पंडित और फिल्म के डायरेक्टर विवेक अग्नहोत्री ने शरद पवार को जवाब दिया है। अशोक पंडित ने ट्विटर पर लिखा कि “शरद पवार जी, किसी को नहीं पता था कि कश्मीरी पंडितों के खिलाफ आतंकवादियों और आतंकवाद के कृत्य को बेनकाब करने के लिए धार्मिक घृणा को भड़काया गया है। अपने वोट बैंक को बचाने के लिए आतंकवाद को सही ठहराना बंद करें क्योंकि यह सभी शहीदों और आतंकवाद के शिकार लोगों का अपमान है।”
वही फिल्म के डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री भी शरद पवार पर भड़क गये। विवेक अग्निहोत्री ने ट्विटर पर लिखा कि “फिर झूठ। बहुत ही दोगलापन है। भारतीय राजनीति में अब तक का सबसे भ्रष्ट राजनेता वास्तविक जीवन में सबसे पाखंडी व्यक्ति भी है। मुझसे और कश्मीरी हिंदुओं को निजी तौर पर एक बात और सार्वजनिक तौर पर इसके विपरीत बात कहते हैं। कर्म…पवार साहब…कर्म…किसी को नहीं बख्शा।”
इससे पहले शरद पवार ने दिल्ली इकाई के अल्पसंख्यक विभाग के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए भी ‘द कश्मीर फाइल्स’ की आलोचना की थी। उन्होंने कहा था, ‘एक शख्स ने हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को दिखाते हुए फिल्म बनाई। यह दिखाती है कि बहुसंख्यक हमेशा अल्पसंख्यक पर हमला करते हैं और जब वह बहुमत मुस्लिम होता है, तो हिंदू समुदाय असुरक्षित हो जाता है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सत्ता में बैठे लोगों ने इस फिल्म का प्रचार किया।
Discussion about this post