यूपी में बुजुर्ग संतों, पुजारियों और पुरोहितों के लिए बनेगा पुरोहित कल्याण बोर्ड

लखनऊ। उत्‍तर प्रदेश सरकार लोक कल्याण संकल्प का वादा पूरा करने के लिए बुजुर्ग संतों, पुजारियों और पुरोहित के कल्याण के लिए बोर्ड का गठन करेगी। माना जा रहा है कि कल्याण बोर्ड के जरिए बुजुर्ग संतों को आर्थिक मदद देने के साथ ही आश्रम और अन्य मदद दी जाएगी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को मंत्रिपरिषद के समक्ष धर्मार्थ कार्य विभाग के प्रस्तुतिकरण के दौरान यह निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में 21वीं सदी में भारत में सांस्कृतिक नवजागरण हो रहा है। जन आकांक्षाओं के अनुरूप श्रीकाशी विश्वनाथ धाम कॉरीडोर निर्माण, अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण, अयोध्या दीपोत्सव, ब्रज रंगोत्सव, काशी की देव-दीपावली, विंध्य धाम कॉरिडोर, नैमिष तीर्थ, शुक तीर्थ पुनरोद्धार, मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा 100 साल बाद वापस प्रतिष्ठापित होना, सोरों-सूकरक्षेत्र विकास आदि प्रयास अद्भुत हैं। यह पूरे विश्व में नए भारत के नए उत्तर प्रदेश की पहचान बन देने वाले हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भाषाओं के संरक्षण के लिए एकेडमी की स्थापना की जाए। गोरखपुर, प्रयागराज, मथुरा और वाराणसी में भजन स्थल बनाए जाएं। साथ ही 12 परिपथ के विकास के कामों को समय से पूरा कराया जाए। रामायण, बुद्धिष्ट, शक्तिपीठ, कृष्ण-ब्रज, बुंदेलखंड, महाभारत, सूफी, क्राफ्ट, स्वतंत्रता संग्राम व इको टूरिज्म परिपथ यूपी में पर्यटन को नई पहचान देंगे। उन्होंने निर्देश दिए कि श्रीअयोध्या में जन्मभूमि पथ और भक्ति पथ का निर्माण हो। मुख्यमंत्री ने धर्मार्थ कार्य विभाग के प्रस्तुतीकरण के दौरान यूपी दिवस की तर्ज पर जिला,गांव व नगर स्थापना दिवस मनाने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यटक आवासों का संचालन पीपीपी मोड पर किया जाना श्रेयस्कर होगा। इसी प्रकार, आगरा और मथुरा के हेलीपोर्ट और आगरा स्थित छत्रपति शिवाजी महाराज संग्रहालय का संचालन भी पीपीपी मोड पर किया जाना चाहिए। सिंचाई, पीडब्ल्यूडी, राजस्व और वन विभाग के अतिथि गृहों को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाना चाहिए। इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही पूरी की जाए। मथुरा के बरसाना तथा प्रयागराज में झूंसी से त्रिवेणी पुष्प तक रोप-वे निर्माण कराया जाए। लखनऊ और प्रयागराज में हेली टूरिज्म की संभावनाओं का आकार दिया जाए। प्रदेश में इको एंड रूरल टूरिज्म का गठन किया जाना चाहिए। इसी प्रकार, सभी 75 जिलों में पर्यटन एवं संस्कृति परिषद का गठन किया जाए।

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