38 साल बाद बांग्लादेश के 63 विस्थापित हिंदू परिवारों का पुनर्वास, खेती की जमीन सहित मिला घर

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को पूर्वी पाकिस्तान से विस्थापित 63 हिन्दू बंगाली परिवारों के पुनर्वास के लिए कृषि भूमि का पट्टा, आवासीय पट्टा और मुख्यमंत्री आवास योजना का स्वीकृति पत्र दिया।

लोकभवन में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन परिवारों को पुनर्वास प्रमाण पत्र बांटे और कहा कि पहले की सरकारें इन हिंदू रिफ्यूजियों को लेकर संवेदनहीन बनी रहीं लेकिन हमने मानवता की मिसाल पेश कर इन्हें पुनर्वसित करने का काम किया। योगी आदित्यनाथ ने इन परिवारों को पट्टे बांटते हुए यह भी कहा कि इन्हें सरकार की अन्य योजनाओं का लाभ भी दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्षों की आप लोगों की प्रतीक्षा आज दूर हुई है। 63 परिवारों को राज्य सरकार के द्वारा कानपुर देहात के रसूलाबाद में प्रत्येक दो एकड़ भूमि, 200 वर्ग मीटर के आवास का पट्टा, मुख्यमंत्री आवास योजना में एक-एक आवास व शौचालय दिया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान से आए लोगों को अधिकार देने का एक्ट पास किया, तो कागजात ढूंढ़ने शुरू किए। ये लोग खानाबदोश की तरह जीवन यापन कर रहे थे। सीएम ने कहा कि उन्हें प्रसन्नता है कि राजस्व विभाग ने समयबद्ध तरीके से इन 63 परिवार को पट्टा देने का काम किया है।

बता दें कि ये उन्हीं 407 हिंदू परिवारों में से हैं, जो 1970 में बांग्लादेश से विस्थापित होकर आए थे। इनमें से 332 परिवारों को देश के विभिन्न हिस्सों में रख गया था। ​हस्तिनापुर की मदन सूत मिल्स में इन्हें काम दिलवाकर इनके पुनर्वास की कोशिश की गई थी लेकिन 1984 में मिल बंद हो गई. इसके बाद से मेरठ में 63 परिवार 38 सालों से पुनर्वास की प्रतीक्षा कर रहे थे। योगी ने कहा कि इन विस्थापित हिंदू परिवारों का दर्द पिछली सरकारों ने नहीं समझा। किसी सरकार ने इनकी सुध नहीं ली। 2017 में यूपी में भाजपा की सरकार बनी तो प्रक्रिया शुरू की गई।

सरकार ने दिए वनटांगिया व मुसहर परिवारों को मकान
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब वर्ष 2017 में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर यूपी की जनता ने लोकप्रिय सरकार का गठन किया था, उस वक्त हम लोगों के सामने अनेक चुनौतियां थीं। बहुत सारे लोग ऐसे थे, जिन्हें आजादी के बाद सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पाया था। मुसहर जाति, वनटांगियां गांव में भी स्थिति खराब थे। कोल, भील, सहरिया, थारू सभी की स्थिति ऐसी थी लेकिन सरकार ने दृढ़ इच्छा शक्ति से काम किया। मुझे बताते हुए प्रसन्नता है कि ऐसे परिवारों की मैपिंग की गई। उन्हें आवासीय पट्टा देने या फिर पीएम आवास या सीएम आवास योजना का लाभ दिलाने का काम किया गया। 1.08 लाख आवास सिर्फ ऐसे ही लोगों को दिया गया है।

इन जातियों को दिया लाभ
ग्रामीण इलाके में 42194 मुसहर परिवारों को एक-एक आवासीय पट्टा व आवास दिए हैं। वनटांगिया गांव के 4822 कुष्ठ रोगियों 3686, दैवीय आपदा से बाढ़ अग्निकांड से पीड़ित 36307 परिवारों को आ‌वास दिया है। कालाजार से अकाल मौत होने के मामलों में 224 परिवारों, थारू जाति को 1526 आवास, 13102 कोल, सहरिया जो बुंदेलखंड व ललितपुर में रहते हैं, उनके लिए 5611 आवास दिए गए हैं। चेरो जनजाति के 559 परिवारों को आवास देने का काम किया जा चुके है।

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