गाजियाबाद। रामनवमी पर कई राज्यों में हुए बवाल की आग शनिवार को दिल्ली भी पहुंच गई। इस बवाल के बाद उत्तर प्रदेश में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने यूपी के सभी जिलों के डीएम और एसएसपी को अपने अपने इलाके में दौरा करनें और संवेदनशील इलाकों में पर्याप्त सुरक्षाकर्मियों की तैनाती के निर्देश दिए हैं। दिल्ली से सटे गाजियाबाद में पुलिस एक्टिव मोड पर है।
गाजियाबाद में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और जिलाधिकारी ने हनुमान जयंती को लेकर शोभायात्रा के आयोजकों के साथ बैठक की। बैठक में आयोजकों को शांतिपूर्वक शोभायात्रा निकालने, यात्रा में किसी भी प्रकार के अराजकतत्वों/ संदिग्ध व्यक्ति के दिखने पर तुरंत पुलिस को सूचित करने और क्षेत्र में आपसी भाईचारा एवं सौहार्द बनाएं रखने आदि विषय मे चर्चा की गई। इसके अलावा एसएसपी और एसपी ग्रामीण व सीओ लोनी को शोभायात्रा के दौरान पर्याप्त पुलिस बल तैनात करने और क्षेत्र में यातायात व्यवस्था को सुचारू रखने व शांति-व्यवस्था के संबंध में उचित प्रबंध करने के निर्देश भी दिए गए।
दिल्ली में क्या हुआ?
हनुमान जयंती के मौके पर दिल्ली के जहांगीरपुरी में निकाली जा रही शोभा यात्रा पर कुछ शरारती तत्वों ने पथराव कर दिया। इसके बाद हालात बिगड़ गए। दोनों समुदाय के लोग आमने सामने आकर पथराव करने लगे। छतों पर से शोभा यात्रा निकाल रहे लोगों पर पथराव किया गया। उपद्रवियों ने सड़क पर खड़े वाहनों के अलावा पुलिस के कुछ वाहनों में तोड़फोड़ और आगजनी कर दी। सूचना मिलते ही आसपास के जिलों से पुलिस बल मौके पर बुलाया गया। हल्का बल प्रयोग कर भीड़ को खदेड़ा गया। इस पूरी घटना में, 7 से 8 दिल्ली पुलिस के कर्मी और नागरिक गंभीर रूप से घायल हो गए और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचा।
पुलिस ने बताया, ‘हिंसा का मुख्य आरोपी अंसार गिरफ्तार हुआ है। वह घोषित बदमाश है।’ आरोपियों की पहचान सलीम उर्फ चिकना (36), जाहिद (20), अंसार (35), शाहजाद (33), मुख्तार अली (28), मो. अली (18), आमिर (19), अक्सर (26), नूर आलम (28), मोहम्मद असलम (21), जाकिर (22), अकरम (22), इम्तियाज (29), मो. अली (27), अहीर (37), शेख सौरभ (42), सूरज (21), नीरज (19), सुकेन (45), सुरेश (43) और सुजीत सरकार (38) के रूप में हुई। सभी जहांगीरपुरी के रहने वाले हैं।
आरोपियों के खिलाफ धारा 147 (दंगा करने की सजा), 148 (दंगा, घातक हथियार से लैस), 149 (गैरकानूनी सभा का प्रत्येक सदस्य सामान्य उद्देश्य के अभियोजन में किए गए अपराध का दोषी), 186 (जनता के निर्वहन में लोक सेवक को बाधित करना), 353 (लोक सेवक को उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल), 332 (लोक सेवक को उसके कर्तव्य से रोकने के लिए स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाने के लिए दंड), 427 (शरारत से नुकसान पहुंचाना) पचास रुपये की राशि), 436 (आग या विस्फोटक पदार्थ द्वारा घर, आदि को नष्ट करने के इरादे से शरारत), 307 (हत्या का प्रयास), 120बी (आपराधिक साजिश की सजा) भारतीय दंड संहिता और शस्त्र अधिनियम की धारा 27 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
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