दिल्ली। बढ़ती गर्मी के बीच देश की राजधानी दिल्ली में जल संकट के मामले भी सामने आने लगे हैं। इस बीच दिल्ली में यमुना नदी में अमोनिया का स्तर एक बार फिर बढ़ गया है, जिससे राजधानी के कई इलाकों में पानी की किल्लत शुरू हुई है। इसकी जानकारी खुद दिल्ली बोर्ड ने दी है।
जानकारी के मुताबिक, हरियाणा क्षेत्र में यमुना में औद्योगिक कचरा गिरने के कारण वहां से दिल्ली आने वाले पानी में अमोनिया का स्तर तय मानकों से बढ़ गया। यमुना नदी में अमोनिया का स्तर बढ़ने का असर दिल्ली के तीनों प्रमुख वाटर ट्रीटमेंट प्लांट वजीराबाद, चंद्रावल और ओखला पर भी पड़ा है। इसके चलते उत्पादन घट गया है। ऐसे में माना जा रहा है कि इससे राजधानी दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में पानी की आपूर्ति प्रभावित होना तय है।
इन इलाकों में परेशानी
सिविल लाइंस, हिंदूराव अस्पताल, कमला नगर, शक्ति नगर, करोल बाग, पहाड़गंज और एनडीएमसी क्षेत्र, पुराना और नया राजिंदर नगर, पटेल नगर (पूर्व और पश्चिम), बलजीत नगर, प्रेम नगर, इंद्रपुरी, कालकाजी, गोविंदपुरी, तुगलकाबाद, संगम विहार, अंबेडकर नगर, प्रह्लादपुर, रामलीला ग्राउंड, दिल्ली गेट, सुभाष पार्क, मॉडल टाउन, गुलाबी बाग, पंजाबी बाग, जहांगीरपुरी, मूलचंद, साउथ एक्सटेंशन, ग्रेटर कैलाश, बुराड़ी आदि।
टैंकर से आपूर्ति
गर्मी और छुट्टी का दिन होने के चलते लोगों के घर में रोजमर्रा के काम पर असर पड़ा। कई लोग पानी की 20 लीटर की बोतलें खरीदकर ले जाते दिखाई पड़े। इसके अलावा कुछ लोगों ने रोजमर्रा के काम के लिए सबमर्सिबल पंप का इस्तेमाल किया। दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों के मुताबिक शुक्रवार शाम तक ओखला छोड़कर चंद्रावल व वजीराबाद संयंत्रों से आपूर्ति शुरू हो गई थी। इसके अलावा टैंकर भेजे गए।
गौरतलब है कि यमुना नदी में अमोनिया की मात्रा बढ़ने के मामले साल में कई बार आते हैं, जिससे दिल्ली वालों को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ता है। खासकर भीषण गर्मी और ठंड के दौरान यमुना नदी में प्रदूषण के चलते अमोनिया की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे जल शोधन यंत्र प्रभावित होते हैं और जल संकट हो जाता है।
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