मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने नियामकीय अनुपालन में कमियों के कारण चार सहकारी बैंकों पर कुल चार लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। चार अलग-अलग विज्ञप्तियों के अनुसार, नियामक अनुपालन में कमियों को लेकर जुर्माना लगाया गया है और इसका उद्देश्य बैंकों द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल खड़ा करना नहीं है।
रिजर्व बैंक ने महाराष्ट्र के अंदरसुल अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक पर 1.5 लाख रुपये और महाराष्ट्र के अहमदपुर स्थित महेश अर्बन कोऑपरेटिव बैंक पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। इसके अलावा महाराष्ट्र के नांदेड़ स्थि नांदेड़ मर्चेंट कोऑपरेटिव बैंक पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
इन बैंकों को “निदेशक मंडल और एक्सपोजर मानदंड और वैधानिक / अन्य प्रतिबंध-यूसीबी” पर केंद्रीय बैंक द्वारा जारी निर्देशों का पालन न करने के लिए दंड का सामना करना पड़ रहा है।
इनके अलावा मध्य प्रदेश के शहडोल में जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। इसपर बैंकिंग नियमन अधिनियम 1949, जमाकर्ता शिक्षा एवं जागरूकता कोष योजना 2014 के प्रावधानों का पालन न करने तथा अपने ग्राहक को जानो (केवाईसी) के दिशा-निर्देशों का पालन न करने के लिए एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
इससे पहले तीन सहकारी बैंकों पर लगाया था पांच लाख रुपये का जुर्माना
हाल ही में चार अप्रैल को आरबीआई ने कई तरह के गैर-अनुपालन को लेकर तीन सहकारी बैंकों पर कुल पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। फलटन स्थित यशवंत कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर आय, संपत्ति वर्गीकरण, प्रावधान और अन्य संबंधित मामलों को लेकर निर्देशों का अनुपालन नहीं करने के लिए दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया था।
इसके अलावा मुंबई के कोकन मर्केंटाइल कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर दो लाख रुपये का और कोलकाता स्थित समता कोऑपरेटिव डेवेलपमेंट बैंक लिमिटेड पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया था।
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