इस्लामाबाद। पाकिस्तान के लोगों से देश की संप्रभुता की रक्षा करने का आह्वान करते हुए पाक प्रधान मंत्री इमरान खान ने भारत की ओर इशारा करते हुए कहा कि कोई भी महाशक्ति उन्हें डिक्टेट नहीं कर सकती है। इमरान खान ने कहा उनमें से किसी में भी भारत से इस तरह बात करने की हिम्मत नहीं है।
इमरान खान ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से मुझे मायूसी हुई, लेकिन मैं इसकी इज्जत करता हूं। सुप्रीम कोर्ट को देखना चाहिए था कि बाहर का एक मुल्क सरकार के खिलाफ साजिश करके उसे गिराता है। अदालत कम से कम उस दस्तावेज को एक बार देख तो लेता। देख लेता कि हम सच बोल रहे हैं या नहीं। उन्होंने कहा कि हमारे साथ ही हिंदुस्तान आजाद हुआ था। वहां बहुत सम्मान और प्यार मिला। (इस दौरान इमरान भावुक हो उठे) वो एक खुद्दार कौम हैं। किसी सुपर पावर की जुर्रत नहीं है कि वहां ऐसा कुछ कर दे। मैं हिंदुस्तान का विरोधी नहीं हूं। कश्मीर, आरएसएस की वजह से रिश्ते खराब हुए। भारत की विदेश नीति आजाद है।
इमरान खान ने कहा हमें पता चला कि अमेरिकी राजनयिक हमारे लोगों से मिल रहे हैं। तब हमें पूरी योजना के बारे में पता चला।” उन्होंने कहा कि वह राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं के कारण सभी विवरण सार्वजनिक रूप से जारी करने के लिए स्वतंत्र नहीं हैं।
राजनेताओं के कथित भ्रष्टाचार के बारे में उन्होंने कहा, दुनिया में और कहीं नहीं, यहां तक कि बनाना रिपब्लिक में भी ऐसा खुले तौर पर नहीं होता है। पीएम खान ने कहा कि विदेशी ताकतें एक मिलनसार पीएम चाहती हैं और इसलिए वे उन्हें बाहर निकालने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने राजनीतिक हालात को पाकिस्तान की संप्रभुता पर हमला बताया है। उन्होंने कहा हम 22 करोड़ लोग हैं। यह अपमानजनक है कि कोई बाहर से 22 करोड़ लोगों को यह आदेश दे रहा है।
बीते दिन क्या हुआ?
इससे पहले गुरुवार को पाकिस्तान में करीब एक हफ्ते तक चले सियासी संकट का सुप्रीम कोर्ट ने अंत कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल असेंबली को बहाल करने का फैसला सुनाया था और नौ अप्रैल को अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग कराने के निर्देश दिए। इसके बाद पीएम इमरान खान ने शुक्रवार रात को राष्ट्र को संबोधित करने की घोषणा की थी।
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