इस्लामाबाद। पाकिस्तान में इमरान खान सरकार के खिलाफ विपक्ष की ओर से लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर 3 अप्रैल को होने वाली वोटिंग से पहले ही इसे असंवैधानिक बताते हुए खारिज किए जाने के नेशनल असेंबली के डिप्टी स्पीकर के फैसले को सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस उमर अता बंदियाल ने गलत करार दिया है।
इससे पहले सुनवाई के दौरान यह भी सामने आया कि हालांकि प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी ने खारिज किया, लेकिन इस पर हस्ताक्षर स्पीकर असद कैसर के थे, जिनके खिलाफ भी विपक्ष ने उसी दिन अविश्वास प्रस्ताव लाया था और जिसकी वजह से वह सदन की कार्यवाही की अध्यक्षता नहीं कर सके।
‘डॉन’ की रिपोर्ट के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट में इस मसले पर सुनवाई गुरुवार सुबह 9:30 बजे शुरू हुई, जिस दौरान चीफ जस्टिस उमर अता बंदियाल ने राष्ट्रपति आरिफ अल्वी के वकील अली जफर से सवाल किया कि अगर सब कुछ संविधान के अनुसार ही हो रहा है तो फिर देश में संवैधानिक संकट कहां है? इस पर राष्ट्रपति के अधिवक्ता ने कहा, ‘मैं यह भी कह रहा हूं कि देश में कोई संवैधानिक संकट नहीं है।’
चीफ जस्टिस की यह टिप्पणी राष्ट्रपति के वकील अली जफर द्वारा अपनी दलीलें दिए जाने के बाद आई, जब चीफ जस्टिस ने तल्ख लहजे में कहा कि वह ये क्यों नहीं बता रहे हैं कि देश में संवैधानिक संकट है या नहीं? इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय पीठ कर रही है, जिसमें जस्टिस इजाजुल अहसन, जस्टिस मजहर आलम खान मियांखेल, जटिस मुनीब अख्तर और जस्टिस जमाल खान मंडोखेल शामिल हैं।
अब आगे क्या?
मामले की सुनवाई के दौरान पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस की इस टिप्पणी के बाद सबसे बड़ा सवाल अब यही है कि आगे क्या होगा? इस पर CJP ने कहा कि अब PML-N के वकील और पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल (AGP) खालिद जावेद खान अदालत का मार्गदर्शन करेंगे कि कैसे आगे बढ़ना है। उन्होंने कहा, ‘हमें राष्ट्रीय हित को देखना होगा।’
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