दिल्ली। दिल्ली पुलिस को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। क्रेडिट कार्ड यूजर्स से ठगी करने वाले एक फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश किया है। इस मामले में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार भी किया है। यह क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने के बहाने लोगों को लूटते थे।
दक्षिण-पूर्व जिला पुलिस अधिकारियों के अनुसार जिले के साइबर थाना प्रभारी कुलदीप शेखावत को एनसीआरपी पोर्ट से क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी के संबंध में शिकायत प्राप्त हुई थी। शिकायत में पीड़ित ने कहा था कि उसके पास क्रेडिट कार्ड की सीमा बढ़ाने के लिए फोन आया था। फोन करने वाले ने खुद को बैंक कर्मी बताया था। इसके बाद उसके बैंक खाते से 34425 निकल गए। ठगी का मामला दर्जकर थानाध्यक्ष कुलदीप शेखावत की देखरेख में एसआई अतुल यादव व हवलदार दीपक राणा की टीम ने जांच शुरू की।
पुलिस ने जांच की शुरू
पुलिस ने धारा 420 के तहत मामला दर्ज किया। वह जांच शुरू कर की। पड़ताल के दौरान पुलिस की टीम ने संदिग्धों के मोबाइल नंबरों के कॉल डिटेल रिकॉर्ड और बैंक स्टेटमेंट का पता लगाया। पुलिस को पता चला कि पैसे विभिन्न बैंक अकाउंट में ट्रांसफर किए गए थे। कई एटीएम से निकासी की गई थी।
फर्जी लिंक भेज निकालते थे पैसा
जांच के बाद उत्तम नगर क्षेत्र में एक कॉल सेंटर की पहचान की गई। दो जालसाज प्रतीक और कुलदीप को मौके पर पकड़ लिया गया, कॉल सेंटर में काम करने वाली चार लड़कियों को 41 सीआरपीसी (पाबंद करना) का नोटिस दिया गया है। आरोपी पीड़ितों को फोन करते समय खुद को बैंककर्मी बताते थे। ये पीड़ित को कहते थे कि वह बैंक से बोल रहे हैं और बैंक ने उनके क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने का फैसला किया है। आरोपियों ने बताया कि वे क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने के लिए फर्जी लिंक भेजते थे। वह लोगों से डेटा लेने के लिए लिंक पर क्लिक करवाते थे। इसके बाद क्रेडिट कार्ड से पैसे निकाल कर अपने खाते में भेज देते थे।
आरोपियों ने पूछताछ में खुलासा किया कि प्रतीक बंसल और कुलदीप, आशीष व तनुज के साथ कॉल सेंटर को करीब एक वर्ष से चला रहे थे। आशीष कुलदीप का सगा भाई है। पुलिस आशीष व तनुज की तलाश कर रही है। आशीष व तनुज ठगी की रकम को कुलदीप के खाते में भेजते थे। कुलदीप के खाते से प्रतीक बंसल के खाते में जाते थे। प्रतीक बंसल एटीएम से पैसे निकालता था।
दक्षिण-पूर्व जिला पुलिस अधिकारियों के अनुसार कॉल सेंटर से काफी डायरियां मिली हैं। इन डायरियों में पीड़ित के नाम, मोबाइल नंबर व पत्ते लिखे हैं। डायरियों को देखने से पता चल रहा है कि आरोपी एक हजार से ज्यादा लोगों से ठगी कर चुके हैं। कॉल सेंटर एक वर्ष से चल रहा था। आरोपी कॉल सेंटर की जगह एक से दो महीनों में बदल लेते थे। इनके पास से आठ छोटे फीचर फोन, दो एंड्रायड मोबाइल, एक आई फोन, 45 सिम, दो लैपटॉप, छह डायरी और एक मोडम बरामद किया गया है।
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