IMF ने पीएम मोदी की खाद्य सुरक्षा योजना को सराहा, कहा- इसके जरिए भारी भुखमरी को रोका गया

File Photo

नई दिल्ली। भारत में गरीबों को कोरोना महामारी से बचाने के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्य योजना की शुरुआत की गई थी। इस योजना की शुरुआत 26 मार्च 2020 को की गई थी, जिसके तहत गरीबों को 5 किलो गेहूं और 5 किलो चावल प्रति माह दिया जाने लगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस योजना की अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष IMF ने भी तारीफ की है। आईएमएफ ने कहा कि इस योजना के चलते भारत ने भुखमरी को टालने में सफलता हासिल की और अत्यंत गरीबी को टाला है।

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने महामारी, गरीबी और असमानता को लेकर एक शोध पत्र जारी किया है जिसमे यह बात सामने आई है कि भारत में 2019 तक अत्यंत गरीबी का स्तर 1 फीसदी से कम था जिसे महामारी के काल में भी बरकरार रखा गया। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्य योजना ने अत्यंत गरीबी को रोकने में अहम भूमिका निभाई है, साथ ही कोरोना से आए आर्थिक दबाव और गरीबों को बड़ा झटका देने से रोकने में मदद की है। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले महीने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को सितंबर 2022 तक के लिए बढ़ा दिया था।

रिपोर्ट में कहा गया है कि लगातार दो साल तक अत्यंत गरीबी का स्तर कोरोना काल में स्थिर रहा और यह बढ़ा नहीं। इसकी मदद से गरीबों पर बड़ा बोझ नहीं पड़ा और अत्यंत गरीबी को टालने में मदद मिली। कोरोना काल में जिन लोगों की आय अस्थिर थी उन्हें सबसे अधिक मुश्किल का सामना करना पड़ा, लेकिन जिस तरह से सरकार अस्थायी वित्त योजना लेकर आई उसने गरीबी को काफी हद तक संभालने में मदद की। खपत में वृद्धि गरीबी को तय करने में अहम भूमिका निभाता है जोकि 2014-19 के बीच 2004-2011 की तुलना में काफी अधिक थी। अहम बात यह है कि 2004-2011 के बीच विकास सर्वाधिक स्तर पर था।

गौर करने वाली बात है कि गरीब कल्या योजनाके लिए सरकार की ओर से 26000 रुपए का फंड जारी किया गया था। खुद गृहमंत्री अमित शाह ने 23 अप्रैल 2021 को ट्वीट करके इसकी जानकारी दी थी। उन्होंने लिखा, कोरोना के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए ₹26,000 करोड़ से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत दो महीने तक 5 किलो अनाज देने के निर्णय पर नरेंद्र मोदी जी का अभिनंदन करता हूँ।

अमित शाह ने कहा था कि इससे देश के करीब 80 करोड़ लोगों को लाभ मिलेगा। मोदी सरकार इस आपदा में हर कदम देशवासियों के साथ खड़ी है। बता दें कि इस योजना के तहत नेशनल फूड एक्ट 2013 के अंतर्गत दो तरह की श्रेणी बनाई गई है, एक गरीब परिवार व दूसरा अंत्योदय। दोनों को इस योजना के तहत शामिल किया गया है। इस योजना के लाभार्थी सरकारी गल्ले की दुकान से इसका लाभ उठा सकते हैं।

Exit mobile version