नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय ने बड़ा एक्शन लेते हुए सत्येंद्र जैन के परिवार और संजय राउत की पत्नी की करोड़ों की संपत्ति अटैच की है। दोनों मामले अलग-अलग हैं जिनमें ईडी ने एक्शन लिया है। इनमें से एक मामला शिवसेना नेता संजय राउत की पत्नी से जुड़ा है वहीं दूसरा केजरीवाल सरकार में मंत्री सत्येंद्र जैन के परिवार से जुड़ा है।
पहला मामला पात्रा चॉल भूमि घोटाले से जुड़ा है. इसमें ईडी ने 11 करोड़ की प्रॉपर्टी अटैच की है। इसमें से 9 करोड़ की प्रॉपर्टी प्रवीण राउत की है वहीं 2 करोड़ की प्रॉपर्टी संजय राउत की पत्नी की है। प्रवर्तन निदेशालय ने 1,034 करोड़ रुपए के पात्रा चॉल भूमि घोटाला मामले में शिवसेना के नेता संजय राउत की पत्नी की संपत्ति कुर्क की। बताया गया है कि इसमें अलीबाग स्थित प्लॉट और दादर स्थित फ्लैट शामिल है।
इस मामले में संजय राउत के दोस्त प्रवीण राउत की गिरफ्तारी भी हुई थी। ईडी ने इस केस में पिछले हफ्ते चार्जशीट दाखिल की थी। जांच में ईडी ने पाया था कि प्रॉपर्टी की खरीद में अपराध का रास्ता अपनाया गया था।
दूसरा मामले में दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन (Satyendar Jain) के परिवार और कंपनियों की 4.81 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है। जैन अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली सरकार में स्वास्थ्य, बिजली, गृह, पीडब्ल्यूडी, उद्योग, शहरी विकास, बाढ़, सिंचाई और पानी मंत्री हैं। ईडी ने 2018 में शकूर बस्ती के आम आदमी पार्टी (आप) विधायक से मामले के सिलसिले में पूछताछ भी की थी।
प्रवर्तन निदेशालय ने एक बयान में कहा कि उसने संपत्ति की कुर्की के लिए धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत एक अस्थायी आदेश जारी किया है। कुर्क की गई 4.81 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियां अकिंचन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, इंडो मेटल इंपेक्स प्राइवेट लिमिटेड, प्रयास इंफोसोल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, मंगलायतन प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, जे.जे. आइडियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड, वैभव जैन की पत्नी स्वाति जैन, अजीत प्रसाद जैन की पत्नी सुशीला जैन और सुनील जैन की पत्नी इंदु जैन की हैं।
ईडी की जांच में पाया गया कि 2015-16 की अवधि के दौरान जब सत्येंद्र कुमार जैन एक लोक सेवक थे, तो उनके द्वारा लाभकारी स्वामित्व वाली और नियंत्रित कंपनियों को हवाला मार्ग के माध्यम से कोलकाता बेस्ड एंट्री ऑपरेटरों को नकद ट्रांसफर के बदले शेल कंपनियों (Shell Companies) से 4.81 करोड़ रुपये की स्थानीय एंट्री प्राप्त हुईं।
ईडी ने उल्लेख किया कि इस रकम का उपयोग जमीन की सीधी खरीद या दिल्ली और उसके आसपास कृषि भूमि की खरीद हेतु लिए गए ऋण की अदायगी के लिए किया गया था। ‘आप’ के मंत्री के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का ईडी का मामला अगस्त 2017 में सीबीआई द्वारा उनके और अन्य के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति रखने के आरोप में दर्ज की गई एफईआआर से उपजा है।
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