नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में चर्चा के दौरान कहा कि मैंने कभी किसी को नहीं डांटा है। उन्होंने कहा कि मेरी आवाज ही थोड़ी ऊंची है और इसमें मेरा दोष नहीं है, यह तो मैन्युफैक्चरिंग डिफेक्ट है अमित शाह ने कहा कि मुझे गुस्सा केवल कश्मीर से जुड़े सवाल पर ही आता है।
सोमवार को अमित शाह दंड प्रक्रिया (शिनाख्त) विधेयक, 2022 को सदन में रखते हुए बोल रहे थे। अमित शाह के वक्तव्य के बीच तृणमूल कांग्रेस सांसद सौगत राय ने कहा कि अभी विधेयक का मसौदा उन्होंने देखा नहीं है। इसके जवाब में अमित शाह ने बड़ी शालीनता से कहा कि आप नहीं देखेंगे, क्योंकि आप सरकार में नहीं हैं। सरकार अभी मसौदा बना रही है। आप सरकार में होते तो जरूर देखते।
सौगत रॉय ने कहा, ‘मैं आपको अग्रिम रूप से आश्वस्त करने के लिए यह बात कह रहा हूं।’ अमित शाह ने ये भी कहा कि सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक मॉडल कारागार मैनुअल बना रही है, जिसे राज्यों को भेजा जाएगा। अमित शाह के इस बयान के बीच सदन में तृणमूल कांग्रेस के नेता सुदीप बंदोपाध्याय ये कहते सुने गए कि आप जब दादा (सौगत राय) को बोलते हैं तो डांटकर बोलते हैं।
सुदीप बंदोपाध्याय की इस टिप्पणी पर अमित शाह ने मुस्कुराते हुए कहा, ‘नहीं, नहीं, मैं कभी किसी को नहीं डांटता हूं। मेरी आवाज जरा ऊंची है, यह मेरा ‘मैन्यूफैक्चरिंग डिफेक्ट’ है।’ इसके साथ ही अमित शाह ने ये भी कहा कि वह कभी किसी को नहीं डांटते और न ही गुस्सा होते हैं लेकिन कश्मीर का सवाल आता है तो गुस्सा आ जाता है।
दरअसल, अगस्त 2019 में जम्मू कश्मीर पुनर्गठन बिल पर चर्चा के दौरान लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह और कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी के बीच तीखी बहस हुई थी। इस दौरान अधीर रंजन चौधरी के एक कथन पर गुस्सा जाहिर करते हुए शाह ने आक्रामक अंदाज में कहा था कि कश्मीर के लिए जान भी दे देंगे। सोमवार को विरोधी दलों ने इसी दिन को याद करते हुए शाह के गुस्से का जिक्र किया, जिसका जवाब शाह ने इस अंदाज में दिया।
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