गाजियाबाद। गाजियाबाद में नवरात्रि के मद्देनजर मेयर आशा शर्मा द्वारा जारी किया गया मांस की सभी दुकानें बंद रखने का आदेश आखिरकार वापस ले लिया गया। इस मामले ने तूल पकड़ा और इसकी गूंज लखनऊ तक पहुंच गई। इसके बाद गाजियाबाद नगर निगम की मेयर ने अपना फैसला बदलन पड़ा है। महापौर ने संशोधित आदेश में कहा कि उप्र शासन के जो दिशा-निर्देश हैं, उनका अनुपालन कराया जाए। सिर्फ मंदिर के नजदीक वाली मीट शॉप बंद कराई जाएंगी।
गाजियाबाद नगर निगम की महापौर आशा शर्मा ने एक अप्रैल को जारी आदेशों में कहा था कि 2 अप्रैल से 9 अप्रैल तक 9 दिवसीय नवरात्रि का शुभारंभ हो रहा है। इसलिए शहर की सभी मीट-मांस की दुकानें 9 दिन के लिए बंद कराई जाएं। महापौर के आदेशों का पालन करते हुए नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.मिथलेश कुमार सिंह ने अधीनस्थों को निर्देश जारी कर दिए। मीट-शॉप और नॉनवेज होटल बंद कराने के लिए छह टीमें भी बना दी गईं। इन टीमों ने एक अप्रैल को गाजियाबाद में घूमकर मीट शॉप बंद कराईं और ऐसा न करने पर बुलडोजर तक चलवाने की चेतावनी दी।
इसको लेकर विवाद शुरू हो गया। सोशल मीडिया में इस मुद्दे ने तूल पकड़ लिया। महापौर के आदेशों को लेकर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं आने लगीं। मीट विक्रता इसके विरोध में आ गए। दुकानदारों का कहा है कि मीट की दुकान है, आज से पहले कभी नवरात्रों को दिन में बंद नहीं हुई है। अगर बंद करनी भी हैं तो शराब की दुकानों को भी बंद किया जाए जो खुली हुई हैं। कल से रमजान के दिन शुरू हो रहे हैं तो हम लोगों को दिल्ली से मीट लेकर आना होगा लेकिन प्रशासन हमको कुछ घंटे की मोहलत दे दे कि हम लोग अपनी दुकान खोल सके ताकि लोगों को दिक्कत ना हो। हमारी दुकानों में लाखों रुपये का माल रखा हुआ है जो खराब हो जाएगा, इससे काफी नुकसान हम लोगों को होगा। एक तो वैसे ही काम धंधा नहीं है और ऊपर से अब 9 दिन तक दुकानें बंद रहेंगी तो घर कैसे चलेगा। रमजान भी शुरू है तो हम लोगों को कहां से सामान लेकर आएंगे कुछ घंटे के लिए तो दुकान खोलनी चाहिए।
मामले को तूल पकड़ता देख नगर निगम की महापौर आशा शर्मा ने अगले ही दिन अपना फैसला वापस ले लिया। उन्होंने संशोधित आदेशों में अपने पुराने आदेश का हवाला दिया। फिर कहा कि इस बारे में शासन के जो दिशा-निर्देश हों, उनका पालन किया जाए।
मेयर ने मौखिक तौर पर यह जरूर कहा है कि अब सिर्फ मंदिरों के आसपास खुली मीट शॉप बंद कराई जाएं। खाद्य सुरक्षा विभाग ने साफ तौर पर कहा है कि सभी मीट शॉप बंद कराने का शासन का कोई आदेश नहीं है। सिर्फ उन्हीं दुकानों को बंद कराया जाएगा, जो मानकों का पालन नहीं कर रहीं या अवैध तरीके से संचालित हैं।
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