नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में सड़कों पर आवागमन को लेकर आगामी 1 अप्रैल से बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा, जिससे सभी तरह के वाहन चालकों को बड़ा आराम मिलेगा।
1 अप्रैल से बसों और माल वाहनों को सड़कों पर अपनी ही निर्धारित लेन में चलना होगा। ऐसा नहीं करने वालों पर 10,000 रुपये का चालान करने के साथ 6 महीने तक की जेल का प्रविधान किया गया है। जाहिर है जब बसें और मालवाहक अपनी ही लेन में चलेंगे तो कार और स्कूटर-मोटरसाइकिल चालकों को सफर आसान हो जाएगा। इसके साथ ही जाम भी सड़कों पर कम ही देखने को मिलेगा। दिल्ली में सड़कों पर ऐसा देखा जाता है कि सभी तरह के वाहन अपनी लेन की बजाय दूसरी लेन में चलते हैं, जिससे अव्यवस्था कायम होती है।
वहीं, दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी सरकार बस चालकों और मालवाहक वाहनों के लिए लेन अनुशासन का पालन सुनिश्चित करने के लिए एक बड़ा प्रवर्तन अभियान शुरू करेगी। दिल्ली परिवहन आयुक्त आशीष कुंद्रा द्वारा जारी आदेश में कहा गया है तक इस अभियान का पहला चरण एक अप्रैल से शुरू होगा जो 15 अप्रैल तक चलेगा। दूसरा चरण 16 अप्रैल से 30 अप्रैल तक चलेगा। वहीं तीसरा चरण एक मई से शुरू होगा।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर होगी सख्ती, केस में चलाने का है प्रविधान
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया है कि इन आदेशों का उल्लंघन करने वाले किसी भी बस और माल वाहनों पर मोटर वाहन अधिनियम 1988 के तहत मुकदमा चलाया जाएगा। वहीं दिल्ली पार्किंग स्थल प्रबंधन नियम, 2019के प्रावधानों के तहत दंडित किया जाएगा। इनके तहत छह महीने तक कारावास और 10 हजार रुपये का जुर्माना हो सकता है।
सुबह 8 से रात 10 बजे तक आरक्षित रहेगी लेन
वहीं, अभियान के हिस्से के रूप में लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) को उपयुक्त स्थानों पर चेतावनी, संकेत और बोर्ड लगाने के भी आदेश दिए गए हैं। अलग-अलग और चिह्नित बस लेन विशेष रूप सेबसों और माल ढुलाई के लिए सुबह 8 बजे से रात 10 बजे तक आरक्षित रहेंगी। इस अवधि के दौरान किसी भी अन्य वाहन को इन बस लेन में चलने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसके अलावा रात्रि 10 बजे से प्रात: आठ बजे की अवधि के दौरान अन्य वाहनों को भी बस लेन में चलने की अनुमति दी जा सकती है।
कार चालक और दुपहिया वाहन चालकों पर भी होगी सख्ती
हल्के मोटर वाहनों में जैसे कार और स्कूटर आदि के चिह्नित बस लेन में खड़े पाए जाने या वाहन मालिक अथवा चालक द्वारा अपने वाहन को चिह्नित बस लेन से हटाने से इनकार करने की स्थिति में जुर्माना लगाया जाएगा व आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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