नई दिल्ली। चीन में कोरोना महामारी विकराल रूप लेने लगी है। चीन के कई विश्वविद्यालयों ने एडमिशन के लिए आवेदन मंगाने की प्रक्रिया शुरु कर दी है। लेकिन विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने इन विश्वविद्यालयों में पढ़ाई करने के इच्छुक छात्रों को विशेष रुप से आगाह किया है।
चीन ने अपने देश में कोरोना महामारी की स्थिति को देखते हुए नवंबर 2020 से ही यात्रा संबंधी प्रतिबंध लागू कर रखे हैं। साथ ही चीनी सरकार ने सभी वीजा तात्कालिक तौर पर रद्द कर रखा है। इसकी वजह से वहां पढ़ाई करनेवाले कई छात्र, अपनी पढ़ाई जारी रखने के लिए वापस चीन नहीं लौट सके हैं।
यूजीसी ने एक सार्वजनिक नोटिस में कहा कि चीन ने भारतीय छात्रों के लिए पाबंदियों में कोई ढील नहीं दी है, बल्कि तमाम पाठ्यक्रमों की पढ़ाई ऑनलाइन होने की बात कही है। लेकिन देश के मौजूदा नियमों के अनुसार, यूजीसी और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) पूर्व अनुमति के बिना केवल ऑनलाइन माध्यम से किए गए ऐसे डिग्री पाठ्यक्रमों (Online Degree Course) को मान्यता नहीं देती है। इसे ध्यान में रखते हुए छात्रों को सोच-समझकर यह विकल्प चुनने की सलाह दी जाती है कि वे कहां से उच्च शिक्षा प्राप्त करना चाहते हैं, ताकि उन्हें रोजगार या उच्चतर शिक्षा में आगे दिक्कतें नहीं हो।”
यूजीसी ने कहा, ”इस संदर्भ में किसी भी संभावित छात्र को यह जानकारी होनी चाहिए कि चीन सरकार ने कोविड-19 के मद्देनजर सख्त यात्रा पाबंदियां लागू कर रखी है और नवंबर 2020 से सभी वीजा निलंबित कर दिए हैं। बड़ी संख्या में भारतीय छात्र इन पाबंदियों के कारण अपनी पढ़ाई जारी रखने के लिए चीन नहीं लौट पाए हैं।”
आपके बता दें कि यह नोटिस ऐसे वक्त जारी किया गया है, जब कुछ चीनी विश्वविद्यालयों (Chinese Universities) ने मौजूदा और आगामी अकादमिक वर्षों के लिए विभिन्न डिग्री पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए नोटिस जारी किए हैं। आपका बता दें कि शुक्रवार को चीनी विदेश मंत्री के भारत दौरे में भी ये मुद्दा उठा, लेकिन चीन ने इस बारे में कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया। विदेश मंत्री एस, शिवशंकर ने कहा कि भारतीय छात्रों के भविष्य का मुद्दा गंभीरता से उठाया गया, लेकिन इस मामले में चीन की तरफ से कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला है।
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